"करमचन्द गाँधी": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Karamchand Gandhi.jpg|thumbnail|करमचन्द गाँधी]]
'''करमचन्द उत्तमचन्द गाँधी''' [[भारत]] के राष्ट्रपिता [[महात्मा गांधी]] के पिता थे | वे [[पोरबन्दर]] रियासत में [[
[[महात्मा गाँधी]] की माता पुतलीबाई, करमचंद गाँधी चौथी पत्नी थी। इनके पिता का नाम उत्तमचन्द गाँधी थेकरमचंद गाँधी
[[File:Kabagandhidelo.jpg|thumbnail|[[राजकोट]] स्थित यह वही घर हैं जहाँ दीवान करमचन्द उत्तमचन्द गाँधी रहे थे]]
उन दिनों किसी रियासत की दीवानगिरी चैन की नौकरी नहीं थी। पोरबन्दर [[पश्चिमी भारत]] की तीन सौ रियासतों में से एक था, जिस पर उन राजाओं ने शासन किया जो मात्र राजकुल में जन्म लेने के कारण और अंग्रेजों की सहायता से सिंहासन पर विराजमान हुए। मनमानी करने वाले राजाओं, सर्वोच्च ब्रिटिश सत्ता के निरंकुश प्रतिनिधि 'पोलिटिकल एजेंटों' और युगों से दबीगकुचली प्रजा के बीच निरापद कर्त्तव्य निर्वाह करने के लिए काफी धैर्य, कूटनीतिक कौशल और व्यावहारिक बुद्धि की जरूरत होती थी। पिता उत्तमचन्द और करमचन्द, दोनों ही कुशल प्रशासक होने के साथ-साथ सच्चे और प्रतिष्ठित व्यक्ति भी थे। वे स्वामिभक्त थे लेकिन अप्रिय और हितकर सलाह देने में भी नहीं हिचकते थे। अपने इस विश्वास पर साहस के साथ अडिग रहने के कारण उन्हें कष्ट झेलने पड़े। शासक की सेना ने उत्तमचन्द गांधी के घर को घेर लिया और उस पर गोले बरसाये। उन्हें रियासत से भागना पड़ा। उनके पुत्र करमचन्द ने भी अपने सिद्धान्तों पर अटल रह कर पोरबन्दर से हट जाना ही पसन्द किया।<ref>http://www.hindi.mkgandhi.org/gandhi/chap01.htm</ref>
==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
{{आधार}}
[[श्रेणी:मृत लोग]]
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