"ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान": अवतरणों में अंतर

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हिमालय के भूरे भालू के क्षेत्र वाला यह नेशनल पार्क कुल्‍लू जिले में 620 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है और यहां समशीतोष्‍ण एवं एलपाइन वन पाए जाते हैं। यहां कुछ वर्जिन कोनीफेरस वन है। एलपाइन चारागाह और ग्‍लेशियर का विशाल क्षेत्र इस पार्क का बड़ा हिस्‍सा है। यहां पश्चिमी हिमालय की अनेक महत्‍वपूर्ण वन्‍य प्रजातियां पाई जाती है जैसे मस्‍क डीयर, ब्राउन बीयर, गोराल, थार, चीता, बरफानी चीता, भराल, सीरो, मोनल, कलिज, कोकलास, चीयर, ट्रागोपान, बरफानी कौआ आदि। रक्तिसार की चढ़ाई, सैंज नदी का उदगम और अलपाइन चारागाहों में कैम्‍प लगाना अविस्‍मरणीय अनुभव हैं। इसी प्रकार तीर्थ की ओर चढ़ाई का रास्‍ता तीर्थन नदी का उदगम है।
'''महान हिमालयी राष्ट्रीय उद्यान''' (जीएचएनपी) [[हिमाचल प्रदेश]] के [[कुल्लू]] जिले में है। विश्व विरासत समिति ने ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र (जीएचएनपीसीए) इंडिया को यूनेस्को के दिशा-निर्देशों के जैव-विविधता संरक्षण के लिए निर्धारित मानदंडों के आधार पर [[विश्व विरासत सूची]] में दर्जसम्मिलित किया है।<ref>http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=28484</ref>
 
[[हिमालय]] के भूरे भालू के क्षेत्र वाला यह नेशनल पार्क कुल्‍लू जिले में 620 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है और यहां समशीतोष्‍ण एवं एलपाइन वन पाए जाते हैं। यहां कुछ वर्जिन कोनीफेरस वन है। एलपाइन चारागाह और ग्‍लेशियर का विशाल क्षेत्र इस पार्क का बड़ा हिस्‍सा है। यहां पश्चिमी हिमालय की अनेक महत्‍वपूर्ण वन्‍य प्रजातियां पाई जाती है जैसे मस्‍क डीयर, ब्राउन बीयर, गोराल, थार, चीता, बरफानी चीता, भराल, सीरो, मोनल, कलिज, कोकलास, चीयर, ट्रागोपान, बरफानी कौआ आदि। रक्तिसार की चढ़ाई, सैंज नदी का उदगम और अलपाइन चारागाहों में कैम्‍प लगाना अविस्‍मरणीय अनुभव हैं। इसी प्रकार तीर्थ की ओर चढ़ाई का रास्‍ता तीर्थन नदी का उदगम है।
विश्व विरासत समिति ने ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र (जीएचएनपीसीए) इंडिया को यूनेस्को के दिशा-निर्देशों के जैव-विविधता संरक्षण के लिए निर्धारित मानदंडों के आधार पर विश्व विरासत सूची में दर्ज किया है।<ref>http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=28484</ref>
 
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क (जीएचएनपी) हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में है। कुल्लू घाटी में पर्यावरण संरक्षण की अवधारणा काफी पुरानी है। घाटी में कई स्थानों के नाम उन संतों के नाम पर हैं जो इस महान हिमालय क्षेत्र में साधना के लिए आए थे। कुछ अभ्यारणयों को आज भी उपवन के रूप में संरक्षित रखा गया है। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र में जीएचएनपी (754.4 वर्ग कि.मी.), सैन्ज (90 वर्ग किलोमीटर) तथा तीर्थान (61 वर्ग किलोमीटर) वन्यजीव अभ्यारण तथा 905.40 वर्ग किलोमीटर के ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र में ऊपरी ग्लैशियर तथा जैवानल, सैन्ज तथा तीर्थान नदियां तथा उत्तरी-पश्चिम की ओर बहने वाली पार्वती नदी का जल उद्गम शामिल है।
 
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==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://www.greathimalayannationalpark.com/index.html '''महान हिमालयी राष्ट्रीय उद्यान''' का जालघर]
*[http://www.balguru.com/node/868#.U_GsnKMlhmM ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क विश्व विरासत की सूची में शामिल] (बालगुरु)
*[http://www.jagran.com/himachal-pradesh/shimla-11421320.html विश्व धरोहर बना ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क] (जागरण)
 
[[श्रेणी:हिमाचल प्रदेश]]