"खपरैल": अवतरणों में अंतर

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मँगलोर चौके चिपटे होते हैं। इनमें आपस में एक दूसरे को फँसाने के लिए खाँचा बना रहता है। करीब १३० दक्षिणी चौके या १०० कानपुरी चौके १०० वर्गफुट छत छाने के लिए आवश्यक होते हैं।
[[चित्र:Dachziegel Formziegel.JPG|right|thumb|300px|विभिन्न प्रकार के खपरैल]]
 
[[इलाहाबादी टाइल]] से एकहरी या दोहरी छवाई की जाती है। उभरे हुए भाग (ridge), कटि प्रदेश (hip) तथा निम्न भूमि (valley) के लिए विशेष टाइलें बनानी पड़ती हैं। नाली के लिए जो टाइल या चौके बनते हैं, या तो चिपटे
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/खपरैल" से प्राप्त