"उडुपी राजगोपालाचार्य अनंतमूर्ति": अवतरणों में अंतर

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उनका जन्म शिमोगा जिले (मैसूर) के तिर्थहल्ली ताल्ल्ुका के मेलिगे में हुआ। उनकी शिक्षा दुर्वासापुरा के पारंपरिक संस्कृत पाठशाला में शुरु हुई। इसके बाद की शिक्षा तिर्थहल्ली और मैसूर में हुई।
हुई।
मैसूर विश्वविद्यालय से परास्नातक की उपाधि हासिल करने के बाद आगे के अध्ययन के लिए वे राष्ट्रमंडल छात्रवृत्ति लेकर इंगलैंड चले गए। उन्होंने १९६६ ई. में बर्मिंघम विश्वविद्यालय से "१९३० में राजनीति और साहित्य" शीर्षक शोधग्रंथ लिखकर शोध उपाधि हासिल की।
 
उनका विवाह ईस्तर के साथ हुआ। उनकी दो संताने हैं पुत्री अनुराधा और पुत्र शरत।
वे 1980 के दशक में महात्मा गांधी विश्वविद्यालय तिरुवनंतपुरम (केरल) के कुलपति रहे। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय गुलबर्गा के कुलपति के रूप में भी अपनी सेवाएं दी।
२२ अगस्त २०१४ को ८१ वर्ष की अवस्था में उनका लंबी बीमारी के बाद बंगलौर में निधन हो गया.
उनका जन्म शिमोगा जिले (मैसूर) के तिर्थहल्ली ताल्ल्ुका के मेलिगे में हुआ। उनकी शिक्षा दुर्वासापुरा के पारंपरिक संस्कृत पाठशाला में शुरु हुई। इसके बाद की शिक्षा तिर्थहल्ली और मैसूर में हुई।
हुई।
 
Mysore . After receiving a Master of Arts degree from the University of Mysore , he went to England for further studies on a Commonwealth Scholarship . He earned his doctorate from the
University of Birmingham in 1966 for his dissertation thesis entitled "Politics and Fiction in the 1930s". [ 7 ] [ 8 ]
 
== साहित्यिक कृतियाँ ==