"झूलेलाल": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति 24:
'''श्री झूलेलाल की आरती'''
 
ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा ।देवा।
पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा ।।सेवा।। ॐ जय...
 
तुहिंजे दर दे केई सजण अचनि सवाली ।सवाली।
दान वठन सभु दिलि सां कोन दिठुभ खाली ।।खाली।। ॐ जय...
 
अंधड़नि खे दिनव अखडियूँ - दुखियनि खे दारुं ।दारुं।
पाए मन जूं मुरादूं सेवक कनि थारू ।।थारू।। ॐ जय...
 
फल फूलमेवा सब्जिऊ पोखनि मंझि पचिन ।।पचिन।।
तुहिजे महिर मयासा अन्न बि आपर अपार थियनी ।। ॐ जय...
 
ज्योति जगे थी जगु में लाल तुहिंजी लाली ।लाली।
अमरलाल अचु मूं वटी हे विश्व संदा वाली ।।वाली।। ॐ जय...
 
जगु जा जीव सभेई पाणिअ बिन प्यास।
जेठानंद आनंद कर, पूरन करियो आशा ।।आशा।। ॐ जय...
</poem>|source = }}