"गुरु दत्त": अवतरणों में अंतर

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== प्रारम्भिक जीवन व पारिवारिक पृष्ठभूमि ==
गुरु दत्त का जन्म 9 जुलाई 1925 को [[बंगलौर]] में शिवशंकर राव पादुकोणे व वसन्ती पादुकोणे के यहाँ हुआ था। उनके माता पिता [[कोंकण]] के चित्रपुर सारस्वत [[ब्राह्मण]] थे।<ref>http://www.rediff.com/movies/2007/sep/20dutt.htm</ref> उनके पिता शुरुआत के दिनों एक विद्यालय के हेडमास्टर थे जो बाद में एक [[बैंक]] के मुलाजिम हो गये। माँ एक साधारण गृहिणीं थीं जो बाद में किसीएक स्कूल में अध्यापिका होबन गयीं। गुरु दत्त जब पैदा हुए उनकी माँ की आयु सोलह वर्ष की थीं।थी। वसन्ती घर पर प्राइवेट ट्यूशन के अलावा लघुकथाएँ लिखतीं थीं और बंगाली उपन्यासों का कन्नड़ भाषा में अनुवाद भी करती थीं।
 
गुरु दत्त ने अपने बचपन के शुरुआतीप्रारम्भिक दिन [[कलकत्ता]] में गुजारे। वहगुरु कलकत्तादत्त जिसेका आजकलबचपन [[कोलकाता]]वित्तीय कठिनाइयों और अपने माता पिता के तनावपूर्ण रिश्ते कहासे जाताप्रभावित है।था।
उन पर बंगाली संस्कृति की इतनी गहरी छाप पड़ी कि उन्होंने अपने बचपन का नाम वसन्त कुमार शिवशंकर पादुकोणे से बदलकर गुरु दत्त रख लिया।
=== प्रारम्भिक प्रेरणा ===
गुरु दत्त की दादी नित्य शाम को दिया जलाकर आरती करतीं और गुरु दत्त दिये की रौशनी में दीवार पर अपनी उँगलियों की विभिन्न मुद्राओं से तरह तरह के चित्र बनाता रहता। यहीं से उसके मन में कला के प्रति संस्कार जागृत हुए। उसकी यह कला परवान चढ़ी और उसे सारस्वत ब्राह्मणों के एक सामाजिक कार्यक्रम में पाँच रुपये का नकद पारितोषक प्राप्त हुआ।