"किला": अवतरणों में अंतर

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[[कौटिल्य]] के [[अर्थशास्त्र]] के अनुसार छोटे किलों को संग्रहण, उनसे बड़े को द्रोणमुख और सबसे बड़े किलों के दो रूप बताए गए हैं-
 
:(1) '''अकृत्रिम''', अर्थात्‌ जल, पर्वत, वन आदि से सुरक्षित और
:(2) '''कृत्रिम''', ईटं पत्थर आदि से बने।
 
(2) '''कृत्रिम''', ईटं पत्थर आदि से बने।
 
[[शिल्पशास्त्र]] के अन्य ग्रंथों में इनका विस्तृत रूप में निम्नलिखित समूहों में विभाजन किया गया है-
 
:1. '''पर्वतीय दुर्ग''' - नगरदुर्ग () प्रातंर (।।) गिरिसमीपक तथा (।।।) गुहादुर्ग
:2. '''जलदुर्ग''' () अंतर्द्वीपीय (।।) स्थलदुर्ग
 
:3. '''धान्वनदुर्ग''' ()निरूदक (।।) ऐरण
2. '''जलदुर्ग''' (।) अंतर्द्वीपीय (।।) स्थलदुर्ग
:4. '''वनदुर्ग''' () खाजन (।।) स्तंब गहन
 
:5. '''महीदुर्ग''' () पारिध (।।) पंक तथा (।।।) मृद्दुर्ग
3. '''धान्वनदुर्ग''' (।)निरूदक (।।) ऐरण
:6. '''नृदुर्ग''' () सैन्यदुर्ग (।।) सहायदुर्ग
 
:7. '''मिश्रदुर्ग''' - (पर्वतवन्य)
4. '''वनदुर्ग''' (।) खाजन (।।) स्तंब गहन
:8. '''दैवदुर्ग'''
 
5. '''महीदुर्ग''' (।) पारिध (।।) पंक तथा (।।।) मृद्दुर्ग
 
6. '''नृदुर्ग''' (।) सैन्यदुर्ग (।।) सहायदुर्ग
 
7. '''मिश्रदुर्ग''' - (पर्वतवन्य)
 
8. '''दैवदुर्ग'''
 
=== मध्यकाल ===
"https://hi.wikipedia.org/wiki/किला" से प्राप्त