"विदिशा का इतिहास": अवतरणों में अंतर
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==प्राचीन इतिहास==
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प्राचीनकाल में यहाँ यदुवंशी रहे है। आमीरों का अधिपत्य था, वे बड़े सशक्त व बलशाली थे। मान्यता है कि वैदिक काल में किसी आर्यदेवी ने यहाँ के महिष नामक राजा को पराजित किया था, अतः आज भी यहाँ के सभी गाँवों में महिषासुर या भैंसासुर की पूजा होती है। श्रीमद देवी भागवत पुराण के अनुसार, वह देवी ही [[दुर्गा।महिषासुर मर्दनी]] कहलायी। सूर्यवंशी राजा सगर और श्री[[राम]] के समय से वहाँ [[इक्ष्वाकु वंश]] के अधिपत्य का पता चलता है। कहा जाता है कि श्रीराम के अनुज [[शत्रुघ्न]] ने [[अश्वमेघ]] यज्ञ के दौरान हराकर यह क्षेत्र अपने पुत्र शत्रुघाती या यूपकेतु (कहीं- कहीं सुबाहु) को सौप दिया।
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