"इलाहाबाद विश्वविद्यालय": अवतरणों में अंतर
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'''इलाहाबाद विश्वविद्यालय''' [[भारत]] का एक प्रमुख विश्वविद्यालय है। यह एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। यह आधुनिक भारत के सबसे पहले विश्वविद्यालयों में से एक है। इसे 'पूर्व के आक्सफोर्ड' नाम से जाना जाता हैं। इसकी स्थापना सन् 1887 ई को एल्फ्रेड लायर की प्रेरणा से हुयी थी। इस विश्वविद्यालय का नक्शा प्रसिद्र अंग्रेज वास्तुविद इमरसन ने बनाया था।
१८६६ में [[इलाहाबाद]] में म्योर कॉलेज की स्थापना हुई जो आगे चलकर '''इलाहाबाद विश्वविद्यालय''' के रूप में विकसित हुआ। आज भी यह इलाहाबाद विश्वविद्यालय का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। म्योर कॉलेज का नाम तत्कालीन संयुक्त प्रांत के गवर्नर विलियम म्योर के नाम पर पड़ा। उन्होंने २४ मई १८६७ को इलाहाबाद में एक स्वतंत्र [[महाविद्यालय]] तथा एक [[विश्वविद्यालय]] के निर्माण की इच्छा प्रकट की थी। १८६९ में योजना बनी। उसके बाद इस काम के लिए एक शुरुआती कमेटी बना दी गई जिसके अवैतनिक सचिव प्यारे मोहन बनर्जी बने।
कहा जाने वाला इलाहाबाद विश्वविद्यालय|accessdate=11 अक्टूबर 2007|publisher=इलाहाबाद वि.वि.}}</ref>
९ दिसंबर १८७३ को म्योर कॉलेज की आधारशिला टामस जार्ज बैरिंग बैरन नार्थब्रेक ऑफ स्टेटस सीएमएसआई द्वारा रखी गई। ये वायसराय तथा भारत के गवर्नर जनरल थे। म्योर सेंट्रल कॉलेज का आकल्पन डब्ल्यू एमर्सन द्वारा किया गया था और ऐसी आशा थी कि कॉलेज की इमारतें मार्च १८७५ तक बनकर तैयार हो जाएँगी। लेकिन इसे पूरा होने में पूरे बारह वर्ष लग गए। १८८८ अप्रैल तक कॉलेज के सेंट्रल ब्लॉक के बनाने में ८,८९,६२७ रुपए खर्च हो चुके थे। इसका औपचारिक उद्घाटन ८ अप्रैल १८८६ को वायसराय लार्ड डफरिन ने किया।
२३ सितंबर १८८७ को एक्ट XVII पास हुआ और [[कलकत्ता]], [[बंबई]] तथा [[मद्रास]] विश्वविद्यालयों के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय उपाधि प्रदान करने वाला भारत का चौथा [[विश्वविद्यालय]] बन गया। इसकी प्रथम प्रवेश परीक्षा मार्च १८८९ में हुई।
|accessmonthday=११ अक्तूबर|accessyear=2007|format= एचटीएम|publisher=इलाहाबाद वि.वि.|language=अंग्रेज़ी}}</ref>
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