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कैरोलिनगियन राजाओं ने राजा और पोप के पद के बीच के रिश्ते को सशक्त बनाया. सन 754 में सबसे युवा पीपीन को पोप स्टीफन द्वितीय द्वारा एक भव्य समारोह (अभिषेक) में ताज पहनाया गया था. पीपीन ने लोम्बर्ड्स परास्त कर कैथोलिक राज्य में अधिक क्षेत्र जोड़ने का कार्य किया. जब [[चार्लेमन|शारलेमेन]] सिंहासन रूढ़ हुआ तो उसने तीव्र गति से अपने शक्ति का संचय किया;<ref>बौएर पीपी 372-374</ref> और 782 तक वह सबसे मजबूत ईसाई मिशन की भावना के साथ पश्चिमी राजाओं में सबसे ताकतवर माना गया.<ref>बौएर पृष्ठ 388</ref> उसने रोम में सन 800 में कैथोलिक राज्याभिषेक प्राप्त किया,<ref>बौएर, पृष्ठ 393</ref> और उसने गिरजाघर के संरक्षक के रूप में हस्तक्षेप के अधिकार के साथ अपनी भूमिका की व्याख्या की.<ref name="Duffy, p. 91">डफी, पृष्ठ 91</ref> उनकी मृत्यु के बाद, तथापि, जिस अधिकार के साथ एक शासक पोप के अधिकार में हस्तक्षेप करने का अधिकार रखता था, के साथ असंगत तरीके से व्यवहार किया गया.<ref>डफी, पृष्ठ 97</ref>
 
बुल्गारिया में, संत स्यरिल और मेथोदिउस द्वारा 9 वीं शताब्दी में सिरिलिक वर्णमाला का आविष्कार एक स्थानीय भाषा मरने के बाद की स्थापना की.<ref>जॉनसन, पृष्ठ 18</ref> 8 वीं सदी में, मूर्तीभंजन, धार्मिक छवियों के विनाश ने पूर्वी गिरजाघर के साथ फूट की शुरूआत की. <ref name="Woods pp116-118">{{Harvnb|Woods|2005|pp=116–118}}</ref> 9 वीं शताब्दी में बीजेनाटाइन नियंत्रित दक्षिणी इटली, बल्गेरियाई मिशनों में गिरिजाघर के क्षेत्राधिकार के संघर्ष ने आगे असहमति को बढाया कि [[धार्मिक महाविच्छेद|पूर्व पश्चिम गिरजे]] में मतभेद पैदा करने का कार्य किया,जो आम तौर पर 1054 में औपचारिक रूप से शुरू होना माना जाता है, हालांकि मतभेद के शुरू होने के किसी विशेष तारीख का उल्लेख नहीं मिलता हैं.<ref name="Duffy, p. 91"/> फूट के बाद, पूर्वी हिस्से को रूढ़िवादी गिरजाघर कहा जाने लगा, जबकि पश्चिम पोप के साथ समन्वय में बना रहा कैथोलिक नाम को बनाये रखा.<ref>कॉलिन्स, पृष्ठ 103</ref> सन 1274 में ल्यों के दूसरे परिषद और सन 1439 में फ़्लोरेंस के परिषद में मतभेद सुधार के प्रयास असफल रहे थे.<ref name="Bokenkotter140"/>
 
मठों के क्लुनिअक सुधार ने व्यापक रूप से मठवासीयों के विकास और नवीकरण के कार्य को गति प्रदान किया.<ref name="Duffy88">डफी, पीपी 88-89.</ref> 11 वीं और 12 वीं सदी गिरजाघर में आंतरिक सुधार के प्रयासों का गवाह बना. सम्राट और कुलीनों के हस्तक्षेप से पोप के चुनाव को मुक्त कराने के लिए सन 1059 में कार्डिनल के कॉलेज की स्थापना की गई. धर्माध्यक्ष को अलंकृत करने का अधिकार, गिरजाघर पर 'शासकों के प्रभुत्व का एक स्रोत, पर सुधारकों द्वारा आघात किया गया और बाद में पोप ग्रेगरी सप्तम के तहत पोप और सम्राट के बीच अलंकरण विवाद भड़क उठा. इस मामले को हल अंततः सन 1122 में कीड़े के समझौता के साथ किया गया, जहां यह सहमति हुई कि धर्माध्यक्ष का चयन गिरजाघर के कानून के अनुसार किया जाएगा.<ref>नोबल, पीपी 286-287</ref> 14 वीं सदी के आरम्भ में एक केंद्रीकृत गिरजाघर संगठन की स्थापना की गई थी, एक लैटिन भाषा बोलने वाली संस्कृति प्रचलित हो चुकी थी, पादरी साक्षर थे और उनके लिए ब्रह्मचर्य पालन आवश्यक था.<ref>मैककलोश, ''द रिफ़ॉर्मेशन'' , पीपी 26-27</ref>
[[चित्र:CouncilofClermont.jpg|thumb|alt=Colored painting showing a large congregation of bishops listening to the Pope |क्लेरमोंट (1095) के परिषद में पोप अर्बन II, पोप ने ईसाई और इस्लाम के बीच एक पवित्र युद्ध के शुभारंभ की घोषणा की.एक जोशीले भाषण में उन्होंने सब अच्छे ईसाइयों से आग्रह किया "पवित्र भूमि को दुष्ट जाति से छीनलो तथा उसे अपने कब्जे में लेलो", - जो लोग इस अभियान में मारे गए उनको पापों से तत्काल छुटकारा मिल जाएगा.प्रथम धर्मयुद्ध शुरू हो गया है.<ref>रॉबर्ट बार्टलेट, द नॉर्मंस, बीबीसी (BBC) टीवी</ref>]]
सन 1095 में, [[बाईज़न्टाइन साम्राज्य|बिजेंताइन]] सम्राट अलेक्सिउस ने पोप अर्बन द्वितीय से नए सिरे से हो रहे मुस्लिम आक्रमणों के खिलाफ मदद के लिए अपील की,<ref name="rileysmith">रिले स्मिथ, पृष्ठ 8</ref> जिसके कारण पोप अर्बन को प्रथम धर्मयुद्ध की घोषणा करनी पड़ी, जिसका उद्देश्य बेजेंताइन साम्राज्य को सहायता पहुचने के साथ -साथ पवित्र भूमि पर ईसाईयों का नियंत्रण बनाये रखना भी था. <ref name="Bokenkotter140">बोकेंकोटर, पीपी 140-141</ref> धर्मयुद्ध विभिन्न सैनिक निकायों की स्थापना का गवाह बना, जैसे: टेम्पलर नाइटस, होस्पित्लर नाइटस, ट्यूतोनिक नाइटस, आदि.<ref name="Norman p62-66">नॉर्मन, पीपी 62-66</ref> सन 1208 में जब उनपर पोप के एक दूत की हत्या करने के आरोप लगाया गया,<ref>हेनरी चार्ल्स ली, ''अ हिस्ट्री ऑफ़ द इन्क्विजिशन ऑफ़ द मिडल एजेज़, खंड I'' (1888), पृष्ठ 145,उद्धरण: "दूत पियरे डी कैस्टलनाऊ की हत्या से पूरे ईसाई जगत में आतंक का एक रोमांच फैल गया जैसा कि अड़तीस साल पहले बेकेट की हत्या से फैला था. इसके विवरण, हालांकि, इतने विरोधाभासी हैं कि सत्यता के साथ कहना असंभव है."</ref> तो पोप इनोसेंट II ने अल्बीजेंसियां धर्मयुद्ध की घोषणा कैथरो के विरूद्ध कर दी, जो लंगुएदोक में एक ग्नोस्टिक ईसाई संप्रदाय थी.<ref>मैल्कम बार्बर, ''द कैथर्स'' पृष्ठ 1. लौंगमैन, ISBN 0-582-25661-5,उद्धरण: "कैथरवाद बारहवीं और तेरहवीं शताब्दी में कैथोलिक गिरजाघर के सामने सबसे बड़ी विधर्मिक चुनौती था - पश्चिम में बड़ी संख्या में ईसाइयों को यह विश्वास दिलाने में कि उन्होंने समस्याएं हल करली थीं (बुराई के अस्तित्व के कारण) उनकी सफलता ने कैथोलिक पदानुक्रम को अंदर तक हिलाकर रख दिया, और पहले से विचारित किसी भी प्रतिक्रिया से अधिक चरम प्रतिक्रियाओं की एक शृंखला आरंभ हो गई.</ref> इस धार्मिक और राजनीतिक विवाद के संयुक्तता के कारण लगभग एक लाख से भी अधिक लोग मारे गए.<ref>जॉन एम. रॉबर्टसन, "ईसाई धर्म का संक्षिप्त इतिहास" (1902), पीपी 253-54,उद्ध: “1209 में शुरू हुए अल्बीजेन्सियन धर्मयुद्ध पोप इनोसेंट ।।। से अधिक लंबे चले,... यह माना जाता है कि इन में सभी उम्र के स्त्री पुरुष मिला कर दस लाख तक लोग मारे गए थे.”</ref><ref>लॉरेंस वेड मार्विन, ''द ऑक्सिटन वॉर'' पृष्ठ 1. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, ISBN 0-521-87240-5,बोली, "यह युद्ध जल्दी ही क्षेत्र के राजनीतिक नियंत्रण के लिए संघर्ष में परिवर्तित हो गया, यह कुछ ऐसा था जो इसके प्रवर्तक, पोप इनोसेंट ।।। ने कभी नहीं चाहा था."</ref> कैथारों के प्रति सहानभूति को समाप्त करने के लिए ग्रेगरी IX ने पोप धर्माधिकरण का गठन सन 1231 में किया.<ref>मॉरिस, पृष्ठ 214.</ref>
 
याचक आदेश की स्थापना फ्रांसिस असीसी और डोमिनिक डी गुजमान के द्वारा , जो शहरी व्यवस्था में धार्मिक जीवन में पवित्रता लाने के उद्देश्य से किया गया.<ref name="LeGoff87">ले गौफ, पृष्ठ 87</ref> इन आदेशों ने भी विश्वविद्यालयों में गिरजाघर के स्कूलों के विकास में बड़ी भूमिका निभाई.<ref name="Woods44">वुड्स, पीपी 44-48</ref> डोमिनिकन [[थामस एक्विनास]] जैसे शैक्षिक ब्रह्मविज्ञानियों ने इस तरह के विश्वविद्यालयों में अध्ययन और अध्यापन का कार्य किया, और उनकी ''सुम्मा थियोलोजिका'' [[अरस्तु|अरस्तू]] के विचारो और ईसायत के संयोग से निर्मित एक महत्वपूर्ण बौद्धिक उपलब्धि थी.<ref name="Bokenkotter158">बोकेंकोटर, पीपी 158-159</ref>
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1950 के 437 मिलियन<ref name="Froehle5">फ्रोएहले, पीपी 4–5</ref> और 1970 के 654 मिलियन<ref>{{cite news|last=Bazar|first=Emily|title=Immigrants Make Pilgrimage to Pope|work=USA Today|date=16 April 2008|url=http://www.usatoday.com/news/religion/2008-04-15-popeimmigrants_N.htm|accessdate=2008-05-03}}</ref> के आंकड़ों में और वृद्धी करते हुए, 2007 में गिरजाघर की सदस्यता संख्या 1.147 मिलियन थी.<ref name="cathstats"/> दुनिया की आबादी (10.77%) की वृद्धि दर से थोड़ा सा अधिक, सन 2000 में उसी दिन के उपर 11.54 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 31 दिसम्बर 2008 में सदस्यता संख्या 1.166 बिलियन थी. अफ्रीका में वृद्धि 33.02 प्रतिशत थी, लेकिन यूरोप में केवल 1.17 प्रतिशत ही थी. यह एशिया में 15.91 प्रतिशत, ओशिनिया में 11.39 प्रतिशत, और अमेरिका में 10.93 प्रतिशत थी. नतीजतन, कैथोलिक अफ्रीका में कुल जनसंख्या का 17.77 प्रतिशत थे, अमेरिका में 63.10 प्रतिशत, एशिया में 3.05 प्रतिशत, यूरोप में 39.97 प्रतिशत, ओशिनिया में 26.21 प्रतिशत तथा विश्व की जनसंख्या का.17.40 प्रतिशत थे. अफ्रीका में रहने वालों का अनुपात 2000 में 12.44 प्रतिशत से बढ़्कर 2008 में 14.84 प्रतिशत हुआ, जबकि यूरोप में रहने वालों का 26.81 प्रतिशत से 24.31 प्रतिशत गिरा.<ref name="Zenit"/>
कैथोलिक गिरजाघर की सदस्यता बपतिस्मा के माध्यम से उपलब्ध हो जाती है. <ref>[http://www.vatican.va/archive/ENG1104/__P3.HTM कोड ऑफ़ कैनन लॉ, कैनन 11.] 09-03-2008 को पुनःप्राप्त.</ref> अगर कोई औपचारिक रूप से गिरजाघर छोड़ता है, यह तथ्य व्यक्ति के बपतिस्मा के रजिस्टर में नोट किया जाता है.
 
== संदर्भ और टिप्पणियां ==