"गुणात्मक अनुसंधान": अवतरणों में अंतर

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गुणात्मक शोधकर्ता डेटा संग्रहण के लिए कई अलग दृष्टिकोण अपना सकते हैं, जैसे कि बुनियादी सिद्धांत अभ्यास, आख्यान, कहानी सुनाना, शास्त्रीय नृवंशविज्ञान या प्रतिच्छाया. कार्य-अनुसंधान या कार्यकर्ता-नेटवर्क सिद्धांत जैसे अन्य सुव्यवस्थित दृष्टिकोण में भी गुणात्मक विधियां शिथिल रूप से मौजूद रहती हैं. संग्रहित डेटा प्रारूप में साक्षात्कार और सामूहिक चर्चाएं, प्रेक्षण और प्रतिबिंबित फील्ड नोट्स, विभिन्न पाठ, चित्र, और अन्य सामग्री शामिल कर सकते हैं.
 
गुणात्मक अनुसंधान परिणामों को व्यवस्थित तथा रिपोर्ट करने के लिए अक्सर डेटा को पैटर्न में प्राथमिक आधार के रूप में वर्गीकृत करता है. {{Citation needed|date=December 2007}}गुणात्मक शोधकर्ता आम तौर पर सूचना एकत्रित करने के लिए निम्न पद्धतियों का सहारा लेते हैं: ''सहभागी प्रेक्षण, गैर सहभागी प्रेक्षण, फील्ड नोट्स, प्रतिक्रियात्मक पत्रिकाएं, संरचित साक्षात्कार, अर्द्ध संरचित साक्षात्कार, असंरचित साक्षात्कार और दस्तावेजों व सामग्रियों का विश्लेषण'' <ref>मार्शल, कैथरीन और रोसमैन, ग्रेशेन बी. (1998). ''डिजाइनिंग क्वालिटेटिव रिसर्च'' . थाउसंड ओक्स, सी.ए.: सेज. ISBN 0-7619-1340-8</ref>.
 
सहभागिता और प्रेक्षण के तरीक़े सेटिंग दर सेटिंग व्यापक रूप से भिन्न हो सकते हैं. सहभागी प्रेक्षण प्रतिक्रियात्मक सीख की [[Wiktionary:strategy|रणनीति]] है, न कि प्रेक्षण की एकल पद्धति<ref>लिंडलोफ़, टी.आर., और टेलर, बी.सी. (2002) ''क्वालिटेटिव कम्यूनिकेशन रिसर्च मेथड्स: दूसरा संस्करण.'' थाउसंड ओक्स, सी.ए.: सेज पब्लिकेशन्स, इंक ISBN 0-7619-2493-0</ref>. सहभागी प्रेक्षण में [http://www.techsociety.com/cal/soc190/fssba2009/ParticipantObservation.pdf ] शोधकर्ता आम तौर पर एक संस्कृति, समूह, या सेटिंग के सदस्य बनते हैं और उस सेटिंग के अनुरूप भूमिका अपनाते हैं. ऐसा करने का उद्देश्य शोधकर्ता को संस्कृति की प्रथाएं, प्रयोजन और भावनाओं के प्रति निकटस्थ अंतर्दृष्टि का लाभ उपलब्ध कराना है. यह तर्क दिया जाता है कि संस्कृति के अनुभवों को समझने के प्रति शोधकर्ताओं की क्षमता में अवरोध उत्पन्न हो सकता है अगर वे बिना भाग लिए निरीक्षण करते हैं.