"जीरा": अवतरणों में अंतर
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चार्ल्टन टी.ल्युइस, चार्ल्स शॉर्ट, ''ए लैटिन डिक्श्नरी'', पर्सियस डिजिटल पुस्तकालय पर</ref> से हुई है। यह शब्द मूलतः यूनानी भाषा के κύμινον (''kuminon''),<ref>[http://www.perseus.tufts.edu/hopper/text?doc=Perseus%3Atext%3A1999.04.0057%3Aentry%3Dku%2Fminon κύμινον], जिसे पाकिस्तान में सौंफ़ (سونف) कहा जाता है।
हेनरी जॉर्ज लिड्ड्ल, रॉबर्ट स्कॉट्ट, ''ए ग्रीक-इंग्लिश लॅक्सिकन'', पर्सियस डिजिटल ल्पुस्तकालय पर</ref> के लातिनीकरण से बना है। इसका साथ यहूदी भाषा के כמון (''कॅम्मन'') एवं अरबी भाषा के كمون (''कैम्मन'') ने दिया है।<ref>[http://www.etymonline.com/index.php?term=cumin cumin], Persian: Zeereh زیره , Online Etymology Dictionary</ref> इस शब्द के रूप का समर्थन कई प्राचीन भाषाओं के शब्द हैं, जैसे [[अक्कैडियाई भाषा]] में ''कमूनु'',
<!-- dictionary or Wikipedia? ==अन्य नाम ==
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==वर्णन==
जीरा इसी नाम (जैविक नाम: ''क्युमिनम सायमिनम'') के जैविक पौधे के बीज को कहा जाता है। यह पौधा [[पार्स्ले]] परिवार का सदस्य है। इसका पौधा {{convert|30|–|50|cm|ft|abbr=on}} की ऊंछाइ तक बढ़ता है और इसके फ़लों को हाथ से ही तोड़ा जाता है। यह वार्षिक फ़सल वाला मुलायम एवं चिकनी त्वचा वाला हर्बेशियस पौधा है। इसके तने में कई शाखाएं होती हैं एवं पौधा २०-३० सेंमी ऊंचा होता है।<ref name="a" /> प्रत्येक शाखा की २-३ उपशाखाएं होती हैं एवं सभी शाखाएं समान ऊंचाई लेती हैं जिनसे ये छतरीनुमा आकार ले लेता है<ref name="a" /> इसका तना गहरे हरे रंग का सलेटी आभा लिये हुए होता है। इन पर ५-१० सेंमी की धागे जैसे आकार की मुलायम पत्तियां होती हैं। इनके आगे श्वेत या हल्के गुलाबी वर्ण के छोटे-छोटे पुष्प अम्बेल आकार के होते हैं। प्रत्येक अम्बेल में ५-७ अम्ब्लेट होती हैं।
==जीरे के लाभ==
* '''हीमोग्लोबिन बढ़ाए''': जीरा आयरन का अच्छा स्रोत है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है। आयरन की कमी होने पर एक चम्मच जीरा प्रतिदिन सुबह खाली पेट पीएं। गर्भावस्था में आयरन की जरूरत ज्यादा होती है इसलिए गर्भवती के लिए जीरा अमृत का काम करता है।
* '''डायबिटीज में लाभकारी''': आहार में जीरे का इस्तेमाल डायबिटीज रोगियों को काफी फायदेमंद होता है। ब्लड में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए आधा छोटा चम्मच पिसा जीरा दिन में दो बार पानी के साथ पीएं।
* '''सर्दी जुकाम में फायदेमंद''': जीरे में एंटीसेप्टिक तत्व पाये जाते है जो सर्दी और जुकाम से राहत दिलाते है। जब भी आपको सर्दी-जुखाम हो, तो एक गिलास पानी में थोड़ा सा जीरा डालकर उबाल लें। जब पानी थोड़ा सा ठंडा हो जाएं तो इसे पीएं। इस उपाय को करने से सीने में जमा हुए कफ निकल जाता है।
* '''कब्ज दूर करें''': अगर आप कब्ज से परेशान है तो आपकी इस समस्या का हल जीरा निकाल सकता है। इसके लिए आपको जीरा, काली मिर्च, सोंठ और कड़ी पत्ते के पाउडर को बराबर मात्रा मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें। अब इसमें स्वादानुसार नमक डालकर घी में पकाएं और चावल के साथ खाएं। इससे आपका पेट साफ रहेगा और कब्ज से भी राहत मिलेगी।
* '''बावसीर में लाभकारी''': जीरे में एंटी-फंगल और एंटी माइक्रोबियल तत्व होते है जो घावों को भरने में मदद करते हैं। बावसीर की समस्या होने पर सुबह खाली पेट कच्चा जीरा चबा-चबा कर नियमित रूप से खाने से लाभ मिलता है।
* '''नई माताओं के लिए लाभकारी''': कैल्शियम और आयरन से भरपूर जीरा दूध पिलाने वाली माताओं के लिए बहुत लाभकारी होता है। इसके लिए जीरे को भून कर पाउडर बना लें और एक बड़ा चम्मच जीरा सुबह शाम गरम पानी या गरम दूध से लेने से फायदा होता है।
* '''वजन कम करें''': वजन कम करने के लिए भी जीरा बहुत उपयोगी होता है। एक बड़ा चम्मच जीरा एक गिलास पानी मे भिगो कर रात भर के लिए रख दें। सुबह इसे उबाल लें और गर्म-गर्म चाय की तरह पिये। बचा हुआ जीरा भी चबा लें। ऐसा नियमित रूप से करने से एक महीने मे ही वजन कम होने लगेगा।
* '''पाचन ठीक रखें''': जिन लोगों को पेट संबंधी समस्याएं जैसे अपच, पेट फूलना, गैस की समस्या या एसिडिटी आदि रहती है। उन लोगों के लिए जीरे का सेवन लाभकारी रहता है। एक बड़ा चम्मच कच्चा जीरा चबा कर खाने से पाचन संबंधी सभी समस्याओं से राहत मिलती है।
* '''अस्थमा में उपयोगी''': अस्थमा या अन्य सांस संबंधी समस्या होने पर जीरे का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। साइनस की समस्या होने पर अगर जीरा उबालकर उसका भाप नियमित रूप से लिया जाता है तो बहुत फायदा होता है।
* '''सुंदरता बढ़ाएं''': जीरा स्वास्थ्य के साथ सुंदरता में भी इजाफा करता है। इसके लिए पानी में जीरा डालकर उबालें, ठंडा करें। इस पानी से मुंह धोने से चेहरा साफ और चमकदार होता है। जीरे वाले पानी से स्नान करने पर शरीर की बदबू और खुजली से भी छुटकारा मिलता है।
==सन्दर्भ==
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