'''आहारीय [[जस्ता]]''' शरीर में कई [[एन्जाइमों]] के लिये सह-घटक के रुप में कई कार्य करता है। यह ऊतकों के सामान्य कार्य में सहायता करता है और शरीर में [[प्रोटीन]] और कार्बोजों को संभालने के लिए आवश्यक है।जस्ते की कमी [[मघपान]], आहार के परिष्कार, कम [[प्रोटीन]] के आहार, [[जुकाम]], [[गर्भावस्था]] और रोग के कारण हो सकती है। जस्ते की कमी यकृत से विटामिन ‘ए’ के मोचन को कम कर देती है। इस प्रकार की कमी के परिणाम हो सकते है। आहार में जस्ते की कमी के कारण स्वाद और भूख की कमी, घाव भरने में विलम्ब, गंजापन, वृद्धि में विलम्ब, हृदय-रोग, मानसिक रोग, विलम्बित यौन परिपकवता और प्रजनन – संबंधी दुष्क्रिया हो सकते हैं। मध्य-पूर्व के कुछ देशों में बौनापन का कारण आहार में जस्ते की कमी को ही माना जाता है। जस्ता अपेक्षाकृत अविषाक्त है। आंतों में शरीर के लिये अनावश्यक जस्ते की अतिरिक्त मात्रा को समाप्त करने के लिये कार्यकुशल यंत्र-रेचन है। आयु के साथ जस्ते की कमी संभावना बढती है।
== स्रोत ==
सभी [[अनाज]], [[फ़लियां]], सूखा मलाई उतारा हुआ [[दूध]], संसाधित [[पनीर]], [[खमीर]], गिरीदार फ़ल, बीज, [[गेंहू]] की अंकुर, [[चोकर]], बिना पॉलिश किया हुआ [[चावल]], [[पालक]], [[मटर]], कॉंटेज पनीर, समुद्र से प्राप्त होने वाला आहार, मुर्गे-अंडे। सम्पूर्ण गेहूं के आटे के उत्पादों में सफ़ेद आटे की अपेक्षा चार गुना अधिक जिंक होता है।