"इंग्लैंड के हेनरी अष्टम": अवतरणों में अंतर

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'''हेनरी अष्टम''' (28 जून 1491-28 जनवरी 1547) 21 अप्रैल 1509 से अपनी मृत्यु तक इंग्लैंड के राजा थे. वे लॉर्ड ऑफ आयरलैंड (बाद में किंग ऑफ आयरलैंड) तथा फ्रांस के साम्राज्य के दावेदार थे. हेनरी हाउस ऑफ ट्युडर के द्वितीय राजा थे, जो कि अपने पिता हेनरी सप्तम के बाद इस पद पर आसीन हुए.
 
अपने छः विवाहों के अलावा, हेनरी अष्टम चर्च ऑफ इंग्लैंड को रोमन कैथलिक चर्च से पृथक करने में उनके द्वारा निभाई गई भूमिका के लिये भी जाने जाते हैं. रोम के साथ हेनरी के संघर्षों का परिणामस्वरूप पोप के प्रभुत्व से चर्च ऑफ इंग्लैंड के पृथक्करण हुआ मठों का विघटन हो गया, और उन्होंने स्वयं को चर्च ऑफ इंग्लैंड के सर्वोच्च प्रमुख (Supreme Head of the Church of England) के रूप में स्थापित कर लिया. उन्होंने धार्मिक आयोजनों व रस्मों को बदल दिया तथा मठों का दमन किया, और साथ ही वे कैथलिक धर्मशास्र की मूल-शिक्षाओं के समर्थक बने रहे, यहां तक कि रोमन कैथलिक चर्च के साथ उनके निष्कासन के बाद भी.<ref>जे. जे. स्कैरिसब्रिक, ''हेनरी VIII'' , पृष्ठ.361</ref> वेल्स ऐक्ट्स (Wales Acts) 1535-1542 के कानूनों के साथ हेनरी ने इंग्लैंड और वेल्स के वैधानिक मिलन का निर्देशन किया.
 
अपनी युवावस्था में हेनरी एक आकर्षक और करिश्माई पुरुष थे, शिक्षित व परिपूर्ण.<ref>रॉबर्ट एम. एडम्स, ''द लैंड एंड लिटरेचर ऑफ़ इंगलैंड'' (1986) पृष्ठ 111-12</ref> वे एक लेखक व संगीतकार थे. उन्होंने पूर्ण शक्ति के साथ शासन किया. इंग्लैंड को एक नर उत्तराधिकारी प्रदान करने की उनकी इच्छा-जो आंशिक रूप से उनके व्यक्तिगत घमण्ड से और आंशिक रूप से उनके विश्वास से उत्पन्न हुई थी कि एक पुत्री ट्युडर राजवंश और रोज़ेज़ के युद्धों (Wars of Roses) के बाद मौजूद नाज़ुक शांति को मज़बूत नहीं बना सकेगी-का परिणाम उन दो बातों के रूप में मिला, जिनके लिये हेनरी को आज याद किया जाता है: उनकी पत्नियां, और इंग्लैंड का पुनरुत्थान, जिसने इंग्लैंड को एक अधिकांशतः प्रोटेस्टंट राष्ट्र बना दिया. अपने जीवन के उत्तर-काल में वे रूग्ण रूप से स्थूलकाय हो गए और उनका स्वास्थ्य खराब हो गया; अक्सर उनकी सार्वजनिक छवि का चित्रण कामुक, अहंवादी, कर्कश और असुरक्षित राजाओं में से एक के रूप में किया जाता है.<ref>एरिक इवेस, "विल द रियल हेनरी VIII प्लिज स्टैंड अप?" ''हिस्ट्री टुडे'' 2006 56(2): 28-36</ref>
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सन 1511 में, पोप जुलियस द्वितीय ने फ्रांस के विरुद्ध एक पवित्र लीग (Holy League) की घोषणा की, यह नया गठबंधन तेज़ी से विकसित हुआ और इसमें न केवल स्पेन और [[पवित्र रोम साम्राज्य|पवित्र रोमन साम्राज्य]], बल्कि इंग्लैंड भी शामिल हो गया. हेनरी ने इस अवसर का प्रयोग उत्तरी फ्रांस में अपनी संपत्तियों के विस्तार के लिये करने का निश्चय किया. नवंबर 1511 में उन्होंने वेस्टमिन्स्टर की संधि, फ्रांस के खिलाफ आपसी सहयोग के लिये स्पेन के साथ ली गई एक शपथ, स्थापित की और लीग ऑफ कैम्ब्राई के युद्ध में सहभागिता की तैयारी की.
 
सन 1513 में, हेनरी ने फ्रांस पर आक्रमण कर दिया और उनकी सैन्य-टुकड़ियों ने स्पर्स की लड़ाई (Battle of the Spurs) में फ्रांसीसी सेना को पराजित कर दिया. उनके जीजा, स्कॉटलैंड के जेम्स चतुर्थ, ने फ्रांस के लुईस द्वादश के आदेश पर इंग्लैंड पर आक्रमण कर दिया,<ref>ग़ुइसीएरडिनी, ''हिस्ट्री ऑफ़ इटली'' , 280.</ref> लेकिन वे हेनरी का ध्यान फ्रांस से हटाने में विफल रहे. 9 सितंबर 1513 को फ्लॉडेन फील्ड की लड़ाई (Battle of Flodden Field) में स्कॉट सेना की पराजय हुई. मृतकों में स्कॉटिश राजा भी शामिल थे, जिसके परिणामस्वरूप इस युद्ध में स्कॉटलैंड की संक्षिप्त सहभागिता समाप्त हो गई.
 
18 फरवरी 1516 को, महारानी कैथरिन ने हेनरी को शैशवावस्था पूर्ण कर पाने वाली उनकी पहली संतान, राजकुमारी मैरी, प्रदान की. (एक पुत्र, हेनरी, ड्युक ऑफ कॉर्नवेल, का जन्म सन 1511 में हुआ था, लेकिन वह केवल कुछ ही सप्ताहों तक जीवित रह सका.)
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== सत्ता और प्राधिकार ==
=== हेनरी के अधीन सरकार और वित्तीय-व्यवस्थाएं ===
आर्थिक रूप से, हेनरी का शासन लगभग एक दुःस्वप्न था. हालांकि उन्हें उत्तराधिकार में एक समृद्ध अर्थव्यवस्था (जिसमें चर्च की भूमियों के अधिग्रहण से और भी वृद्धि हुई) प्राप्त हुई थी, लेकिन हेनरी के भारी-भरकम खर्च और अत्यधिक करों ने अर्थव्यवस्था को क्षतिग्रस्त कर दिया.<ref>एल्टन (1977)</ref><ref>मैककलोश (1995)</ref> उदाहरण के लिये, हेनरी ने रॉयल नेवी का विस्तार 5 से 53 जहाजों तक कर दिया. उन्हें महलों से प्रेम था; उन्होंने एक दर्जन महलों के साथ शुरुआत की थी और उनकी मृत्यु के समय इनकी संख्या पचपन हो चुकी थी, जिनमें उन्होंने 2,000 चित्रयवनिकाएं लटका रखीं थीं.<ref>साइमन थर्ली, "पैलेसेज़ फॉर अ नॉवे रिच किंग." ''हिस्ट्री टुडे,'' (जून 1991), खंड 41, अकादमिक सर्च प्रीमियर में #6</ref> तुलनात्मक रूप से, उनके पड़ोसी और भतीजे, स्कॉटलैंड के जेम्स पंचम के पास पांच महल तथा 200 चित्रयवनिकाएं थीं.<ref>थॉमस, एंड्रे, ''प्रिंसली मेजेस्टी'' , बर्लिन (2005), 79-80 साइटिंग साइमन थर्ली, ''द रॉयल पैलेसेज़ ऑफ़ ट्युडोर इंगलैंड'' , 222-4.</ref> वे अपने हथियारों, जिनमें तीरंदाज़ी के आकर्षक उपकरण, 2,250 भूमि अध्यादेश तथा 6,500 पिस्तौल शामिल थे, का प्रदर्शन करने में गौरवान्वित महसूस करते थे.<ref>जॉनथन डेविस, "'वी डू फाइंड इन आवर कंट्री ग्रेट लैक ऑफ़ बोज़ एंड एरोज़': ट्युडोर मिलिट्री आर्करी एंड द इन्वेंटरी ऑफ़ किंग हेनरी VIII," ''जर्नल ऑफ़ द सोसाइटी फॉर आर्मी हिसटॉरिकल रिसर्च'' 2005 83(333): 11–29. Issn: 0037-9700</ref>
 
[[चित्र:Henry VIII with Charles Quint and Pope Leon X circa 1520.jpg|thumb|1520 में चार्ल्स क्विंट (दाएं) और पोप लियो एक्स (बीच में) के साथ हेनरी अष्टम]]
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एक नई पत्नी और एक उत्तराधिकारी की उनकी इच्छा की तुलना में हेनरी द्वारा किये गये इंग्लिश चर्च के सुधार में अधिक जटिल उद्देश्य व विधियां शामिल थीं. हेनरी ने ज़ोर देकर कहा कि उनका पहला विवाह कभी भी वैध नहीं रहा था, लेकिन तलाक का मुद्दा चर्च के सुधार की हेनरी की इच्छा में केवल एक कारक मात्र था. सन 1532-37 में, उन्होंने अनेक कानून लागू किये-अपील का अधिनियम (1533 के रीस्ट्रेंट ऑफ अपील्स में लागू), उत्तराधिकार के विभिन्न अधिनियम (Acts of Succession) (1533, 1534 और 1536), प्रथम सर्वोच्चता का अधिनियम (Act of Supremacy) (1534), व अन्य-जो राजा तथा पोप के बीच संबंधों व चर्च ऑफ इंग्लैंड की संरचना से संबंधित थे. चर्च में सुधार के अपने प्रयासों के तहत इन वर्षों के दौरान, हेनरी ने मठों और तीर्थक्षेत्रों में स्थित धार्मिक स्थलों का दमन किया. धार्मिक नीति के निर्माण राजा सदैव ही प्रभावी शक्ति थे; उनकी नीति, जिसे उन्होंने कुशलतापूर्वक और संगत रूप से जारी रखा, का सर्वश्रेष्ठ वर्णन एक मध्यम मार्ग की खोज के रूप में किया गया है.<ref>जी. डब्ल्यू. बर्नार्ड, ''द किंग्स रिफ़ॉर्मेशन: हेनरी VIII एंड द रिमेकिंग ऑफ़ द इंग्लिश चर्च'' (2005)</ref>
 
सच्चे विश्वास से संबंधित प्रश्न ऑर्थोडॉक्स "ऐक्ट ऑफ सिक्स आर्टिकल्स" (1530) के अभिग्रहण तथा सन 1540 के बाद चरम गुटों के बीच तालमेल के एक सतर्क नियंत्रण के साथ सुलझा लिये गये. इसके बावजूद, इस काल में धार्मिक पुरातनवाद से पलायन का आंदोलन देखा गया, जिसका अधिक प्रभाव इसलिये पड़ा क्योंकि पुराने विश्वासों के आधार-स्तंभ, विशेषतः थॉमस मोर व जॉन फिशर, इस परिवर्तन को स्वीकार कर पाने में असफल रहे थे और पोप के प्राधिकार को अस्वीकार करने से इंकार करने पर उन्हें फांसी पर लटका दिया गया. राजकुमार की आज्ञाओं के पालन का नया राजनीतिक धर्मशास्र हेनरी के सुधारों के लिये निर्णायक था, जिसे सन 1530 के दशक में चर्च ऑफ इंग्लैंड द्वारा उत्साहपूर्वक अपना लिया गया. यह चौथे धर्मादेश (fourth commandment) ("ऑनर दाय फादर एंड मदर [Honor thy father and mother]") की [[मार्टिन लुथर|मार्टिन लूथर]] की नई व्याख्या को प्रतिबिंबित करता था और इसे अंग्रेज़ दर्शकों के बीच प्रस्तुत करने में विलियम टिंडेल ने मध्यस्थता की. दस धर्मादेशों (Ten Commandments), और इस प्रकार ईश्वर के वचन, पर शाही प्राधिकार की स्थापना इस सिद्धांत का विशिष्ट रूप से आकर्षक लक्षण था, जो हेनरी द्वारा स्थापित धर्म को परिभाषित करने वाला लक्षण बन गया. चर्च ऑफ इंग्लैंड के भीतर प्रतिस्पर्धी प्रवृत्तियों ने उनके विशिष्ट कार्यक्रमों की पूर्ति के प्रयास में इसका दुरुपयोग करने की कोशिशें की. सुधारकों ने लूथर के धर्मशास्र के अधिक व्यापक ढांचे के साथ इसके संबंध को बचाए रखने का प्रयास किया, और उनका ज़ोर केवल वि्श्वास व ईश्वर के वचन पर था, जबकि रूढ़िवादियों ने अच्छे कार्यों, आयोजनों व परोपकार पर बल दिया. सुधारकों ने शाही श्रेष्ठता और ईश्वर के वचन को जोड़कर हेनरी को सन 1539 में ''ग्रेट बाइबिल (Great Bible)'' , एक अंग्रेज़ी अनुवाद, जो उनके द्वारा नव-स्थापित उपाधि के लिये एक दुर्जेय अवलम्ब था, प्रकाशित करने के लिये उकसाया.<ref>रिचर्ड रेक्स, "द क्राइसिस ऑफ़ ओबिडियंस: गॉड्स वार्ड एंड हेनरी रिफ़ॉर्मेशन." ''ऐतिहासिक जर्नल'' 1996 39(4): 863–894. Issn: 0018-246x [http://www.jstor.org/stable/2639860 in Jstor]</ref>
 
सुधारों के प्रति मिश्रित प्रतिक्रिया प्राप्त हुई. सुधारों, जिनके कारण मठ बंद हो गए, जो कि अशक्तों के एकमात्र आधार थे, ने लंदन के बाहर अधिकांश जनसंख्या को अपनी ओर खींचा और सन 1536-1537 के महान उत्तरी विद्रोह (great northern rising),<ref>मेयेर, जी. जे. ''द ट्युडोर'' 2010 254-56.</ref> जिसे पिल्ग्रिमेज ऑफ ग्रेस (Pilgrimage of Grace) के नाम से जाना जाता है, को उकसाने में सहायता की.<ref>मेयेर, 269-72.</ref> यह अपने पूरे शासनकाल के दौरान हेनरी के ताज की सुरक्षा पर के लिये एकमात्र वास्तविक खतरा था. नौ समूहों में फैले लगभग 30,000 विद्रोहियों का नेतृत्व करिश्माई रॉबर्ट आस्के कर रहे थे, तथा अधिकांश उत्तरी अभिजात्य वर्ग उनके साथ था. शर्तों पर बातचीत के लिये आस्के लंदन गए; वहां पहुंचते ही उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया, उन पर राजद्रोह का अभियोग लगाया गया और उन्हें फांसी दे दी गई. लगभग 200 विद्रोहियों को मौत की सज़ा दी गई और व्यवधान समाप्त हो गए.<ref>एम. एल. बुश, "द ट्यूडर पोलिटी एंड द पिल्ग्रिमेज ऑफ़ ग्रेस." ''ऐतिहासिक अनुसंधान'' (2007) 80(207): 47–72. Issn: 0950-3471 फुलटेक्स्ट: एब्सको; जेफ्री मुरहॉउस, ''द पिल्ग्रिमेज ऑफ़ ग्रेस: द रिबेलियन दैट शुक हेनरी VIII थ्रोन'' (2003) [http://www.amazon.com/dp/1842126660 एक्सर्पट एंड टेक्स्ट सर्च]</ref> अन्य स्थानों पर इन परिवर्तनों को स्वीकृत किया गया व इनका स्वागत हुआ, और जो लोग कैथलिक रिवाजों से लिपटे रहे, वे शांत बने रहे या गुप्त रूप से चले गए. हेनरी की पुत्री मैरी (1553-1558) के शासनकाल में वे पुनः प्रकट हुए.
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कार्डिनल थॉमस वॉल्सी, जिनसे उन्होंने एनी के लिये अपनी योजनाओं को गुप्त रखा था, को बताए बिना हेनरी ने सीधे ही होली सी (Holy See) से प्रार्थना की. इसके बजाय, विवाह के निरस्तीकरण का निवेदन करने के लिये हेनरी के सचिव, विलियम नाइट, को पोप क्लीमेंट सप्तम के पास भेजा गया. इसके लिये आधार यह था कि पोप जुलियस द्वितीय का आदेश झूठे बहाने से प्राप्त किया गया था क्योंकि अस्वस्थ आर्थर के साथ कैथरिन के संक्षिप्त विवाह में उनके बीच शारीरिक संबंध भी रहे थे. हेनरी ने प्रार्थना की कि विवाह के निरस्तीकरण की स्थिति में उन्हें किसी भी महिला से पुनः विवाह करने की अनुमति दी जाए, भले ही वह संबंध की प्रथम श्रेणी में आती हो, और चाहे वह संबंध वैध अथवा अवैध रिश्ते के द्वारा बना हो. यह स्पष्ट रूप से एनी के संदर्भ में था.<ref name="cehen"/>
[[चित्र:Catherine aragon.jpg|thumb|upright|एरागॉन की कैथरीन, हेनरी अष्टम की पहली रानी थी]]
हालांकि, चूंकि उस समय कैथरिन के भाई, सम्राट चार्ल्स पंचम, द्वारा पोप को बंदी बना लिया गया था, अतः उन तक पहुंच पाना नाइट के लिये कठिन था, और वे केवल नए विवाह के लिये सशर्त छूट ही प्राप्त कर सके. अब हेनरी के पास इस मुद्दे को वॉल्सी के हाथों में सौंपने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. इस निर्णय को राजा के पक्ष में सुरक्षित करने के लिये वॉल्सी जो कुछ भी कर सकते थे, वह उन्होंने किया, यहां तक कि उन्होंने एक चर्च संबंधी न्यायालय का इंग्लैंड में मिलन भी आयोजित किया, जिसमें पोप का एक प्रतिनिधि भी शामिल था.<ref name="cehen"/> शेक्सपियर के नाटक, ''हेनरी अष्टम (Henry VIII)'' , के दूसरे भाग के चौथे दृश्य में उस उल्लेखनीय न्यायालय में एरागॉन की कैथरिन के विस्मयकारी साहस को सटीकता से दर्ज किया गया है. वह, एक दुर्जेय और स्पष्टतः गलत समझी गई महिला, झुककर हेनरी को प्रणाम करती है, स्वयं को उसकी दया पर छोड़ देती है, निरूत्तर कर देने वाली वाक्पटुता के साथ अपनी बात कहती है और तेज़ी से उस अदालत के कमरे से बाहर निकल जाती है. हालांकि, अधिकांशतः इस क्षण ने वहां उपस्थित लोगों और शेष विश्व को उसके पक्ष में मोड़ दिया, लेकिन पोप का कभी भी अपने प्रतिनिधि को शक्ति प्रदान करने का इरादा नहीं रहा था. चार्ल्स पंचम ने अपनी चाची के विवाह के निरस्तीकरण का विरोध किया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि पोप पर इसका कितना प्रभाव पड़ा. परंतु यह स्पष्ट है कि हेनरी ने देखा कि सम्राट की चाची से हुए विवाह के लिये उन्हें पोप द्वारा निरस्तीकरण दिया जाना असंभावित था.<ref>मॉरिस, पृष्ठ 166.</ref> पोप ने हेनरी को कोई नया विवाह करने से तब तक के लिये रोक दिया, जब तक कि रोम में, न कि इंग्लैंड में, कोई निर्णय न दे दिया जाए. इसके लिये वॉल्सी को ज़िम्मेदार ठहराया गया. इस बात का विश्वास हो जाने पर कि वह विश्वासघाती था, एनी बोलीन ने तब तक दबाव बनाए रखा, जब तक कि सन 1529 में वॉल्सी को सार्वजनिक पद से बर्खास्त न कर दिया गया. बर्खास्त कर दिये जाने पर, कार्डिनल ने उससे भीख मांगी कि वह उन्हें पुनः पद पर लौटने में सहायता करे, लेकिन उसने इंकार कर दिया. तब उसने एनी को निर्वासन के लिये बाध्य किये जाने की योजना पर कार्य करना शुरु किया और इसके लिये रानी कैथरिन व पोप से संपर्क करना प्रारंभ कर दिया. जब इस बात का पता चला, तो हेनरी ने वॉल्सी की गिरफ्तारी का आदेश दिया और यदि सन 1530 में बीमारी के चलते उनकी मृत्यु न हो गई होती, तो संभवतः उन्हें राजद्रोह के लिये फांसी दे दी जाती.<ref>क्रिस्टोफर हैग पृष्ठ.92f</ref> उनके स्थान पर आये सर थॉमस मोर ने प्रारंभ में राजा की नई नीति के साथ सहयोग करते हुए संसद में वॉल्सी की निंदा की और ऑक्सफोर्ड व कैम्ब्रिज के धर्मशास्रियों के इस मत का समर्थन किया कि कैथरिन के साथ हेनरी का विवाह ग़ैरक़ानूनी था. जब हेनरी ने पोप के प्राधिकार को अस्वीकार करना शुरु कर दिया, तब मोर का पछतावा बढ़ा.
 
एक वर्ष बाद, रानी कैथरिन को दरबार से निकाल दिया गया और उसके पुराने कक्ष एनी को दे दिये गए. वॉल्सी के न होने के कारण, राजनीतिक मामलों में एनी के पास पर्याप्त शक्ति थी. अपने समय के लिहाज से वह एक असामान्य रूप से शिक्षित व बुद्धिमान महिला थी, और वह प्रोटेस्टेंट सुधारों के विचारों के प्रति अत्यधिक तल्लीन और सम्मिलित थी. जब कैंटरबरी के आर्चबिशप विलियम वॉरहैम की मृत्यु हो गई, तो एनी ने बोलीन परिवार के चैप्लिन, थॉमस क्रैनमेर, को इस रिक्त पद पर नियुक्त करवा दिया. फ्रांस के राजा के हस्तक्षेप के माध्यम से, रोम द्वारा इसे मान्यता दे दी गई, और क्लीमेंट ने उन्हें आधिकारिक वस्र (Pallium) प्रदान किया.<ref name="cepop">{{ws|"[[s:Catholic Encyclopedia (1913)/Clement VII|Clement VII]]" in the 1913 ''Catholic Encyclopedia''}}</ref>
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== रोम से पृथक्करण: 1533-1540 ==
[[चित्र:Anneboleyn2.jpg|thumb|upright|हेनरी की द्वितीय रानी ऐनी बोलिन की प्रतिमा, मूल से ली गयी जब वो खो गयी थी (1533-1536)]]
इस बीच हाउस ऑफ़ कॉमन्स ने रोम को अपील करने की मनाही कर दी और जिसने भी इंग्लैंड में पोप के आदेश प्रस्तुत किये, उन सभी के खिलाफ़ विदेशी सत्ता के प्रति वफ़ादारी रखने की सज़ा सुनाई गई. संसद ने राजा की सहमति के बिना कोई भी अधिनियम (कानून) बनाने से चर्च को प्रतिबंधित कर दिया. इसके बाद ही अंततः पोप क्लीमेंट ने हेनरी और थॉमस क्रैनमेर के खिलाफ बहिष्करण की घोषणा करने का कदम उठाया,<ref>इतिहासकार बहिष्करण की अचूक तिथि को लेकर असहमत हैं; [[विन्सटन चर्चिल]] की 'हिस्ट्री ऑफ द इंग्लिश स्पीकिंग पीपल्स' के अनुसार, पोप का सन 1533 का आदेश एक मसौदा था, जिसमें दण्ड को रिक्त रखा गया था और इसे सन 1535 तक आधिकारिक रूप प्रदान नहीं किया गया. अन्य इतिहासकारों का कहना है कि आधिकारिक रूप से हेनरी को सन 1538 में पोप पॉल तृतीय, कार्डिनल फ्रैंकलिन डी ला थॉमस, से पूर्व तक बहिष्कृत नहीं किया गया था.</ref><ref>जे. जे. स्कैरिसब्रिक के अनुसार, ''हेनरी VIII'' , पृष्ठ 361, 17 दिसंबर 1538 को पोप पॉल ने बुल ऑफ़ एक्सकम्युनिकेशन को प्रख्यापित किया</ref> और निरस्तीकरण के लिये आर्चबिशप द्वारा दिये गए आदेश को भी उसी समय ग़ैरक़ानूनी करार दे दिया गया तथा एनी के साथ हुए विवाह को शून्य घोषित कर दिया गया तथा इंग्लैंड से पोप के दूत को वापस बुला लिया गया और रोम के साथ सभी कूटनीतिक संबंध तोड़ दिये गए.<ref name="cepop"/> इंग्लैंड में और भी कई कानून पारित किये गए. ऐक्लेसिएस्टिकल अपॉइन्टमेंट ऐक्ट 1534 (Ecclesiastical Appointments Act 1534) के अनुसार पादरी-वर्ग के लिये यह आवश्यक था कि वे राजा द्वारा नामित बिशपों को चुनें. सन 1534 में ऐक्ट ऑफ सुप्रीमसी (Act of Supremacy) ने यह घोषित किया कि राजा ही "चर्च ऑफ इंग्लैंड की भूमि पर एकमात्र सर्वोच्च प्रमुख (Supreme Head) थे" और ट्रीज़न्स ऐक्ट 1534 (Treasons Act 1534) के अनुसार राजा को इस रूप में स्वीकार करने से मना किया जाना गंभीर राजद्रोह माना गया, जिसके लिये मौत की सज़ा सुनाई जा सकती थी. बहिष्करण की प्रतिक्रिया के रूप में, पीटर'स पेंस ऐक्ट (Peter's Pence Act) पारित किया गया और इसके द्वारा पुनः यह बात दोहराई गई कि इंग्लैंड में "आपकी कृपा के अतिरिक्त ईश्वर के अधीन अन्य कोई भी उच्चतर नहीं था" और यह कि हेनरी के "शाही ताज" की शक्ति पोप के "अविवेकपूर्ण और दयाहीन अनधिकार ग्रहण व अपकर्षण" के द्वारा घटा दी गई थी.<ref>लेह्मबर्ग.</ref>
 
पोप को चुनौती देते हुए, चर्च ऑफ इंग्लैंड अब हेनरी के नियंत्रण में था, रोम के नहीं. प्रोटेस्टेंट सुधारक अभी भी उत्पीड़न का सामना कर रहे थे, विशिष्टतः हेनरी के विवाह के निरस्तीकरण को लेकर उठाई गई आपत्तियों को लेकर. उनमें से अनेक विदेशों में भाग गए, जहां उन्हें और भी अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, इनमें प्रभावशाली विलियम टिंडेल भी शामिल थे, जिन्हें राजा हेनरी के आदेश पर अंततः जला दिया गया. धर्मशास्रीय तथा व्यावहारिक सुधारक केवल हेनरी के उत्तराधिकारियों के अधीन ही आगे बढ़ सके (अंतिम भाग को देखें).
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[[चित्र:HowardCatherine02.jpeg|thumb|upright|हैंस होल्बिन युवक द्वारा कैथरीन हॉवर्ड का एक लघु प्रतिमा, 1540.]]
28 जुलाई 1540 को (क्रॉमवेल की फांसी वाले दिन), हेनरी ने युवा कैथरिन हॉवर्ड, एनी बोलीन की चचेरी बहन व एनी की एक दासी से विवाह कर लिया.<ref>फार्कुहर, माइकल (2001). ''अ ट्रेज़र ऑफ़ रॉयल स्कैंडल्स'' , पृष्ठ 67. पेंगुइन बुक्स, न्यूयॉर्क. ISBN 0-7394-2025-9.</ref> वह अपनी नई रानी से अत्यधिक प्रसन्न थे. हालांकि विवाह के शीघ्र बाद ही दरबारी थॉमस कल्पेपर के साथ रानी कैथरिन का एक प्रेम-संबंध बन गया. उन्होंने फ्रांसिस डेरेहैम, जिसके साथ पहले उनकी अनौपचारिक रूप से सगाई हो चुकी थी और विवाह से पूर्व जिसके साथ उनका प्रेम-संबंध था, को अपना सचिव नियुक्त किया. थॉमस क्रैनमेर, जो कि शक्तिशाली रोमन कैथलिक हॉवर्ड परिवार के खिलाफ़ थे, ने रानी कैथरिन की गतिविधियों के प्रमाण राजा के समक्ष प्रस्तुत किये. हालांकि, पहले हेनरी ने इन आरोपों को सच मानने से इंकार कर दिया, लेकिन उन्होंने क्रैनमर को जांच करने की अनुमति दी, जिसके परिणामस्वरूप रानी कैथरिन फंस गईं. पूछताछ किये जाने पर, रानी डेरेहैम से विवाह के अपने पूर्व-अनुबंध को स्वीकार कर सकतीं थीं, जिसके परिणामस्वरूप बाद में हेनरी के साथ हुआ उनका विवाह अमान्य हो गया होता, लेकिन इसके बजाय उन्होंने दावा किया कि डेरेहैम ने उन्हें अवैध संबंध बनाने पर मजबूर किया था. इस बीच, डेरेहैम ने थॉमस कल्पेपर के साथ रानी कैथरिन के संबंधों को उजागर कर दिया. एनी बोलीन वाले मामले के विपरीत, यहां तकनीकी रूप से कैथरिन हॉवर्ड को विवाहेतर संबंध बनाने का दोषी नहीं ठहराया जा सकता था क्योंकि औपचारिक रूप से राजा के साथ उनका विवाह शुरु से ही शून्य व प्रभावहीन था. इस बिंदु को पुनः उपेक्षित कर दिया गया औअर 13 फरवरी 1542 को कैथरिन को फांसी दे दी गई. अपनी मृत्यु के समय उनकी आयु 17 से 22 वर्ष के बीच थी (उनके जन्म के वर्ष को लेकर मतभेद हैं). उसी वर्ष, इंग्लैंड के सभी शेष मठ भंग कर दिये गए और उनकी संपत्ति ताज को सौंप दी गई. मठाधीशों व महंतों ने हाउस ऑफ लॉर्ड्स में अपने स्थान गंवा दिये; अब केवल आर्चबिशप व बिशप ही इस संस्था के चर्च-संबंधी तत्व थे. पहली बार लॉर्ड्स टेम्पोरल (Lords Temporal) की संख्या लॉर्ड्स स्पिरिचुअल (The Lords Spiritual), जैसा कि हाउस ऑफ लॉर्ड्स में स्थान पाने वाले पादरी-वर्ग के सदस्यों को कहा जाता था, की संख्या से अधिक हो गई.
 
[[चित्र:Catherine Parr from NPG.jpg|thumb|upright|कैथरीन पैर, हेनरी के छठवीं और अंतिम पत्नी.]]
पंक्ति 379:
| '''क्लीमेंट सप्तम''' <br /><small>26 नवम्बर 1523 - 25 सितम्बर 1534</small><br /><small>हेनरी अष्टम की आयु के 32वें और 42वें वर्ष के बीच.</small><br /><small>हेनरी ने एंग्लिकन चर्च का गठन किया</small>
| [[चित्र:Clement VII. Sebastiano del Piombo. c.1531..jpg|70px]]
| <small>सन 1527 में हेनरी अष्टम का तलाक का निवेदन अस्वीकार कर दिया.</small><ref>मैककिम, डॉनल्ड के., ''द कैम्ब्रिज कॉमपैनियन टू जॉन कैल्विन'' , (कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, 2004), 247.</ref>
|- valign="top"
| '''पॉल तृतीय''' <br /><small>13 अक्टूबर 1534 - 10 नवम्बर 1549</small><br /><small>हेनरी अष्टम की आयु के 42वें वर्ष और मृत्यु के बीच.</small><br /><small>पोप से अंतिम संबंध-विच्छेद.</small>
पंक्ति 403:
* नॉर्मन डेविस द्वारा ''यूरोप: अ हिस्ट्री'' (1998) ISBN 978-0-06-097468-8.
* टी. ए. मॉरिस द्वारा ''यूरोप एंड इंगलैंड इन द सिक्स्तींथ सेंचरी'' (1998).
* ''सुसान ब्रिगडेन द्वारा न्यू वर्ल्ड्स'' , लौस्ट वर्ल्ड्स (2000).
* एलिसन विएर द्वारा ''हेनरी VIII: द किंग एंड हिज़ कोर्ट'' (2001).
* माइक एशली द्वारा ''ब्रिटिश किंग्स एंड क्वींस'' (2002) ISBN 0-7867-1104-3.
पंक्ति 424:
* रिडले, जैसपर. ''हेनरी VIII.'' (1985). 473 पीपी लोकप्रिय जीवनी
* स्कैरिस्ब्रिक, जे. जे. ''हेनरी VIII'' (1968) 592पीपी, एक अनुकूल अध्ययनशील जीवनी
* स्मिथ , लेसी बाल्डविन. ''हेनरी VIII: द मास्क ऑफ़ रॉयल्टी'' (1971), एक प्रमुख विद्वान ने एक मनोवैज्ञानिक-जीवनी लिखा [http://www.questia.com/read/85955084?title=Henry%20VIII%3a%20The%20Mask%20of%20Royalty ऑनलाइन संस्करण]
* स्टार्की, डेविड. ''सिक्स वाइव्स: द क्वींस ऑफ़ हेनरी VIII'' (2003) [http://www.amazon.com/dp/069401043X एक्सर्पट एंड टेक्स्ट सर्च]
* स्टार्की, डेविड. ''द रिन ऑफ़ हेनरी VIII: पर्सनैलिटिज़ एंड पॉलिटिक्स'' (1986). 174पीपी