"इस्पात": अवतरणों में अंतर

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[[File:The viaduct La Polvorilla, Salta Argentina.jpg|thumb|250px|इस्पात का पुल]]
'''इस्पात''' (Steel) शब्द इतने विविध प्रकार के परस्पर अत्यधिक भिन्न गुणोंवाले पदार्थो के लिए प्रयुक्त होता है कि इस शब्द की ठीक-ठीक परिभाषा करना वस्तुत: असंभव है। परंतु व्यवहारत: इस्पात से [[लोहा|लोहे]] तथा [[कार्बन]] की [[मिश्र धातु]] ही समझी जाती है ( दूसरे तत्व भी साथ में चाहे हों अथवा न हों ) । इसमें कार्बन की मात्रा साधारणतया 2 प्रतिशत से अधिक नहीं होती। किसी अन्य तत्व की अपेक्षा कार्बन, लोहे के गुणों को अधिक प्रभावित करता है; इससे अद्वितीय विस्तार में विभिन्न गुण प्राप्त होते हैं। वेसे तो कई अन्य साधारण तत्व भी मिलाए जाने पर लोहे तथा इस्पात के गुणों को बहुत बदल देते हैं, परंतु इनमें कार्बन ही प्रधान मिश्रधातुकारी तत्व है। यह लोहे की कठोरता तथा पुष्टता समानुपातिक मात्रा में बढ़ाता है, विशेषकर उचित [[उष्मा उपचार]] के उपरांत।
 
इस्पात एक मिश्रण है जिसमें अधिकांश हिस्सा लोहा का होता है. इस्पात में 0.2 प्रतिशत से 2.14 प्रतिशत के बीच कार्बन होता है. लोहा के साथ कार्बन सबसे किफायत मिश्रक होता है, लेकिन जरूरत के अनुसार, इसमें मैंगनीज, क्रोमियम, वैंनेडियम और टंग्सटन भी मिलाए जाते हैं. कार्बन और दूसरे पदार्थ मिश्र-धातु को कठोरता प्रदान करते हैं. लौहे के साथ, उचित मात्रा में मिश्रक मिलाकर लोहे को आवश्यक कठोरता, तन्यता और
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== निम्न-मिश्र-धात्वीय, उच्च-तनाव-पुष्ट, भवन-निर्माण-इस्पात ==
प्रामाणिक ब्योरे के अनुसार इन इस्पातों की अंतिम तनाव-पुष्टता 37-43 टन प्रति वर्ग इंच है, तथा त्रोटनविंदु (वह सीमा जिसपर छड़ टूटता है) । मोटी छड़ के लिए 23 टन प्रति वर्ग इंच है। ये इस्पात मोटे तौर पर निम्नलिखित वर्गो में रखे जा सकते हैं:
 
(1) सिलिकन इस्पात,