"उच्च स्तरीय क्रमादेशन भाषा": अवतरणों में अंतर

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मशीनी भाषा और असेम्बली भाषा द्वारा क्रमादेश तैयार करने मे आने वाली कठिनाई को देखते हुए कम्प्यूटर वैज्ञानिक इस शोध मे जुट गए कि अब इस प्रकार की क्रमादेशन भाषा तैयार की जानी चाहिये जो कि कम्प्यूटर मशीन पर निर्भर न हो। कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा के विकास का यह अगला कदम था। असेम्बलर के स्थान पर कम्पाइलर और इन्टरप्रेटर का विकास किया गया।अब कम्प्यूटर प्रोग्राम लिखने के लिये मशीनी भाषा को अंकीय क्रियान्वयन संकेतो के स्थान पर अक्षर चिन्ह स्मरणोपकारी का प्रयोग किया गया।<br />
कम्प्यूटर मे प्रयोग की जाने वाली वह भाषा जिसमे अंग्रेजी अक्षरो,संख्याओ एवं चिन्हो का प्रयोग करके प्रोग्राम लिखा जाता है, उसे उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा कहा जाता है।इस भाषा मे प्रोग्राम लिखना प्रोग्रामर के लिये बहुत ही आसान होता है,क्योंकि इसमे किसी भी निर्देश मशीन कोड मे बदलकर लिखने की आवश्यकता नही होती ।होती। जैसे -BASIC, COBOL,FORTRAN,PASCAL|अब तो उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओ का अत्यन्त विकास हो चुका है। इन प्रोग्रमिंग भाषाओ को कार्यानुसार चार वर्गो मे विभाजित किया गया है-<br />
(१) वैज्ञानिक प्रोग्रामिंग भाषाएं- इनका प्रयोग मुख्यत: वैज्ञानिक कार्यो के लिये प्रोग्राम बनाने मे होता है,परन्तु इनमे से कुछ भाषाएं ऎसी भी होती है जो वैज्ञानिक कार्यो के अलावा अन्य कार्यो को भी उतनी ही दक्षता से करती है।जैसे-ALGOL(Algorithmic language),BASIC,PASCAL,FORTRAN, आदि है।<br />
(२) व्यवसायिक प्रोग्रामिंग भाषाएं-व्यापारिक कार्यो से सम्बंधित जैसे-बही खाता, रोजानामचा, स्टाक आदि का लेखा जोखा आदि व्यापारिक प्रोग्रामिंग भाषाओ के प्रोग्राम द्वारा अत्यन्त सरलता से किया जा सकता है।जैसे-PL1(Programing language 1),COBOL, DBASE आदि।