"कुरुविंद (कृत्रिम)": अवतरणों में अंतर

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1. ऐल्यूमिना को आक्सि-हाइड्रोजन ज्वाला में पिघलाने से कुरुविंद प्राप्त हुआ था। म्वासाँ (moissan) ने ऐल्यूमिना को बिजली की भट्ठी में पिघलाकर कुरुविंद प्राप्त किया था। यदि ऐल्यूमिना के साथ थोड़ा क्रोमियम आक्साइड मिला दिया जाय तो माणिक भी प्राप्त हो सकता है।
2. ऐल्यूमिना को यदि द्रावक के साथ पिघलाया जाए तो उससे कुरुविंद बनता है। द्रावक के रूप में अनेक पदार्थों, जैसे पोटैसियम सल्फेट, पोटैसियम सल्फाइड, पोटैसियम डाइक्रोमेट, सोहागा , लेड आक्साइड, पोटैसियम मोलिबडेट, क्रायोलाइट, क्षार आक्साइड, सिरका, पोटैसियम टंगस्टेट और कैलसियम की खरादन और गंधक को निस्तप्त करने से कुरुविंद प्राप्त हुआ था। ऐसे कुरुविंद में अमणिभीय बोरन और मणिभीय ऐल्यूमिनियम बोराइड मिला हुआ था।
 
(3) (क) क्रायोलाइट और सिलिकेट को एक प्लैटिनम मूषा में गरम करने, (ख) फ्लोरस्पार और माइक्रसेक्लाइन के गरम करने और (ग) द्रवित पोटाश-अभ्रक को ठंडा करने से कुरुविंद प्राप्त होता है।