"इस्लामी वास्तुकला": अवतरणों में अंतर

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इस्लामी भवन निर्माण को दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है; धार्मिक एवं गैर धार्मिक इमारतें।<ref> [http://www.boloji.com/architecture/00015.htm इस्लामी प्रभाव] </ref>
=== धार्मिक इमारतें ===
कुरान में नमाज को विशेष महत्त्व दिया गया है और कुरान यह भी निर्देश देती है की नमाज मक्का की दिशा में ही पड़ी जा सकती है. इसलिए हर इस्लामी धार्मिक इमारत उस धुरी (किबला) पर ही बनायी गयी। मज्जिदों में मक्का की दिशा में नमाज पड़ने के लिए एक बड़ी आयताकार जगा होती है जिसे मिहराब कहा जाता है। मिहराब के कोने में मीनारे होती है जो स्तंभ नुमा होती है।
 
मकबरा या समाधी अन्य प्रकार की धार्मिक इमारत है। इस्लामी प्रभाव के पूर्व भारत में इस प्रकार की इमारतें नहीं हुआ करती थी। शुरुआत में सूफी संतो की कब्र के ऊपर इस प्रकार की इमारत को बनया जाता था परन्तु कालांतर में विभिन्न शासको ने भी अपने मृत्यु के बाद मकबरों का निर्माण कराया। इस इमारत में एक बहुत बड़ा गुम्बज कब्र के ऊपर कई स्तंभों पर टिका होता है।.