"निम्न घनत्व कोलेस्ट्रॉल": अवतरणों में अंतर
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|language=हिन्दी
|archiveurl= |archivedate= |quote= }}</ref> इसका उत्पादन लिवर द्वारा होता है, जो वसा को लिवर से शरीर के अन्य भागों [[मांसपेशियों]], [[ऊतक|ऊतकों]], [[इंद्रियों]] और [[हृदय]] तक पहुंचाता है। यह बहुत आवश्यक है कि एल डी एल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम रहे, क्योंकि इससे यह पता चलता है कि [[रक्त]] के प्रवाह में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा आवश्यकता से अधिक हो गई है। ऐसे में यह रक्तनली की दीवारों पर यह जमना शुरू हो जाता है और कभी-कभी नली के छिद्र बंद हो जाते हैं। परिणामस्वरूप हार्टअटैक की संभावना बढ़ जाती है। राष्ट्रीय कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण कार्यक्रम के अनुसार शरीर में एल डी एल कोलेस्ट्रॉल का स्तर १०० मिली ग्राम/डीएल से कम होना चाहिए। एलडीएल (बुरा) कोलेस्ट्रॉल अत्यधिक होता है, तो यह धीरे-धीरे हृदय तथा मस्तिष्क को रक्त प्रवाह करने वाली धमनियों की भीतरी दीवारों में जमा होता जाता है। यदि एक थक्का (क्लॉट) जमकर संकरी हो चुकी धमनी में रुकावट डाल देता है, तो इसके परिणामस्वरूप हृदयाघात या स्ट्रोक हो सकता है।<ref name="डवलपमेंट ">{{cite web |url=http://www.indg.in/health/diseases/systemic_diseases/90591a94d91b947-91594b93294793894d91f94d93094993292f94191594d924-92d94b91c928/view?set_language=hi
|title=अच्छे कोलेस्ट्रॉलयुक्त भोजन
|accessmonthday=[[२० सितंबर]] |accessyear=[[२००९]] |last= |first= |authorlink= |coauthors= |date= |year= |month= |format=
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