"गतिकीय तन्त्र": अवतरणों में अंतर

छो बॉट से अल्पविराम (,) की स्थिति ठीक की।
छो पूर्णविराम (।) से पूर्व के खाली स्थान को हटाया।
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* '''कारण-कार्य''' (causal) : भविष्य की अवस्थाएँ (चरों के मान) केवल वर्तमान एवं भूत अवस्थाओं के उपर निर्भर हों।
 
* '''निर्धर्णीय''' (डिटरमिनिस्टिक) : भविष्य के किसी भी क्षण पर चरों का मान एक और केवल एक हो ।हो।
 
स्पष्टतः अप्रत्याशित (stochastic) तन्त्र व [[प्रायिकता]] (probability) पर आधारित तन्त्र गतिकीय तन्त्र की परिभाषा में नहीं आते। [[गणित]], [[भौतिकी]] एवं [[प्रौद्योगिकी]] में गतिकीय तन्त्र का कांसेप्ट बहुत ही उपयोगी है।