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'''वैश्वीकरण विरोधी''' शब्द का प्रयोग उन लोगों तथा समूहों के राजनीतिक दृष्टिकोण का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जो वैश्वीकरण के [[नव उदारवाद|आदर्श उदारवादी]] ([[:en:neoliberal|neoliberal]]) स्वरुप का विरोध करते हैं.
 
"वैश्वीकरण विरोध" में ऐसी क्रियाएँ या प्रक्रियाएं शामिल हैं जो किसी राज्य के द्वारा इसकी संप्रभुता के प्रदर्शन के लिए और लोकतांत्रिक फैसले के लिए की जाती हैं.वैश्वीकरण विरोध लोगों, वस्तुओं और विचारधारा के अंतरराष्ट्रीय हस्तांतरण पर, रोक लगाने के लिए उत्पन्न हो सकता है, जो विशेष रूप से [[आईएमएफ]] ([[:en:IMF|IMF]]) या [[विश्व व्यापार संगठन]] जैसे संगठनों द्वारा सुनिश्चित किए जाते हैं और जो स्थानीय सरकारों और आबादी पर [[मुक्त बाजार कट्टरवाद]] ([[:en:free market fundamentalism|free market fundamentalism]]) के कट्टरपंथी विनियमन कार्यक्रम में लागू होते हैं.इसके अतिरिक्त, कनाडा की पत्रकार [[नओमी क्लेन]] ([[:en:Naomi Klein|Naomi Klein]]) अपनी पुस्तक [[No Logo: Taking Aim at the Brand Bullies]] (जिसका शीर्षक है कोई स्थान नहीं, कोई चुनाव नहीं, कोई नौकरियाँ नहीं ) में तर्क देती हैं कि वैश्वीकरण विरोध या तो एक [[सामाजिक आंदोलन]] ([[:en:social movement|social movement]]) को या एक [[अंब्रेला टर्म(मूल अवधारणा से प्रेरित तकनीकी शब्दों का समूह)|सामूहिक शब्द]] ([[:en:umbrella term|umbrella term]]) को निरूपित कर सकता है, इसमें कई अलग सामाजिक आन्दोलन <ref>कोई प्रतीक चिन्ह नहीं: कोई स्थान नहीं, कोई चुनाव नहीं, कोई नौकरियाँ नहीं कनाडा की पत्रकार नओमी क्लेन द्वारा</ref>जैसे राष्ट्रवादी और समाजवादी शामिल हैं.किसी भी अन्य मामले में प्रतिभागी, बड़ी बहुराष्ट्रीय अविनयमित राजनितिक शक्ति के विरोध में खड़ा होता है, क्यों कि व्यापर समोझौतों के माध्यम से निगम की प्रक्रियाएं कुछ उदाहरणों में नागरिकों के [[लोकतंत्र|लोकतान्त्रिक अधिकारों]], [[प्राकृतिक वातावरण|वातावरण]] ([[:en:natural environment|environment]]) विशेष रूप से [[वायु गुणवत्ता सूचकांक]] ([[:en:air quality index|air quality index]]) और [[वर्षा वन|वन वर्षा]] ([[:en:rain forests|rain forests]]) को क्षति पहुंचाती हैं. साथ ही राष्ट्रीय सरकारों की संप्रभुता [[श्रम अधिकार|मजदूरों के अधिकारों]] ([[:en:labor rights|labor rights]]) को निर्धारित करती है जिसमें बेहतर वेतन, बेहतर कार्य स्थितियां या कानून शामिल हैं जो [[विकासशील देशों]] ([[:en:developing countries|developing countries]]) की सांस्कृतिक अभ्यासो और परम्पराओं का अतिक्रमण कर सकते हैं.
 
 
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--> इस दृष्टिकोण से युक्त सदस्य अपना वर्णन निम्न शब्दों के द्वारा करते हैं -'''[[विश्व न्याय आंदोलन]] ([[:en:Global Justice Movement|Global Justice Movement]])''', '''निगम-विरोधी वैश्वीकरण आन्दोलन''', '''आंदोलनों का आन्दोलन''' (इटली में एक लोकप्रिय शब्द ), "'''[[वैश्वीकरण में परिवर्तन]] ([[:en:Alter-globalization|Alter-globalization]])'''" आन्दोलन (फ्रांस में लोकप्रिय ), "'''गणक-वैश्वीकरण'''" आन्दोलन और ऐसे कई शब्द.
 
वर्तमान में आर्थिक वैश्वीकरण के आलोचक इसके दो पहलुओं को देखते हैं, एक जैव मंडल में नज़र आ रही अपूरित क्षति और दूसरा कथित मानव लागत,जैसे गरीबी, असमानता, नस्लों की मिलावट, अन्याय में वृद्धि, पारंपरिक संस्कृति का क्षरण. आलोचकों के अनुसार ये सब वैश्वीकरण से सम्बंधित आर्थिक विरूपण के परिणाम हैं.वे सीधे मेट्रिक्स को चुनौती देते हैं, जैसे सकल घरेलू उत्पाद, जिसका उपयोग विश्व बैंक जैसी संस्थाओं के द्वारा प्रख्यापित प्रगति को मापने के लिए किया जाता है, और अन्य कारकों पर दृष्टि रखने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है जैसे [[नई अर्थशास्त्र नींव]] ([[:en:New economics foundation|New Economics Foundation]])<ref>[http://www.neweconomics.org/gen नई अर्थशास्त्र नींव]</ref> के द्वारा निर्मित [[खुश ग्रह सूचकांक]] ([[:en:Happy Planet Index|Happy Planet Index]]).<ref>[http://www.neweconomics.org/gen/uploads/dl44k145g5scuy453044gqbu11072006194758.pdf खुश ग्रह सूचकांक ]</ref>वे "अंतर्संबंधित घातक परिणामों --सामाजिक विघटन, लोकतंत्र का विघटन, वातावरण में अधिक तीव्र और व्यापक गिरावट, नये रोगों के प्रसार, गरीबी और अलगाव की भावना में बढोतरी " <ref name="The Hidden Connections"><!--Translate this template and uncomment
{{cite book | last = Capra | first = Fritjof | authorlink = | coauthors = | year = 2002 | title = The Hidden Connections | publisher = Random House | location = New York, New York | id = 0-385-49471-8}}
--></ref>को इंगित करते हैं. इनके बारे में ये दावा करते हैं कि वैश्वीकरण के ये परिणाम अनापेक्षित लेकिन सत्य हैं.
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** विदेशी गरीब श्रमिकों का '''शोषण''': मजबूत औद्योगिक शक्तियों द्वारा गरीब देशों की सुरक्षा में गिरावट के परिणाम स्वरुप इन देशों में सस्ते श्रम के रूप में लोगों का शोषण होता है. सुरक्षा में कमी के कारण, प्रबल औद्योगिक राष्ट्रों की कम्पनियां श्रमिकों को असुरक्षित स्थितियों में लंबे समय तक काम करने के लिए लुभाने हेतु पर्याप्त वेतन की पेशकश करती हैं. हालाँकि अर्थशास्त्री इस बात पर सवाल उठाते हैं कि प्रतियोगी नियोक्ता बाजार में श्रमिकों को अनुमति देना "शोषण" माना जा सकता है.
सस्ते श्रम की प्रचुरता देशों को शक्ति तो दे रही है लेकिन राष्ट्रों के बीच असमानता को दूर नहीं कर पा रही है.यदि ये राष्ट्र औद्योगिक राष्ट्रों में विकसित हो जायें तो सस्ते श्रम की सेना विकास के साथ धीरे धीरे गायब हो जायेगी.यह सच है कि श्रमिक अपना काम छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन कई गरीब देशों में, इसका मतलब उसके या उसके पूरे परिवार के लिए भुखमरी होगा अगर पिछला रोजगार भी उनके लिए अब उपलब्ध न हो.<ref>मिशेल शोसुदोव्स्कीमिशेल शोसुदोव्स्की के द्वारा/ गरीबी और नई विश्व व्यवस्था क्रम का वैश्वीकरण. संस्करण 2 एड.छापना शांति बे,ओएनटी.: ग्लोबल आउट लुक , c2003 .</ref>
** '''सेवा कार्य''' में बदलाव: अपतटीय श्रमिकों की कम लागत निगमों के लिए उत्पादन को विदेशों में स्थानांतरित करना आसान बनाती है.अकुशल श्रमिकों को ऐसे सेवा क्षेत्र में लगाना जहाँ मजदूरी और लाभ कम है, लेकिन कारोबार उच्च है.इसने कुशल और अकुशल श्रमिकों के बीच आर्थिक अंतर को बढ़ाने में योगदान दिया है.इन नौकरियों की हानि ने मध्य वर्ग की धीमी गिरावट में योगदान दिया है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में आर्थिक असमानता को बढ़ाने वाला मुख्य कारक है.वे परिवार जो कभी मध्यम वर्ग का हिस्सा थे, उन्हें नौकरियों में हुई भारी कटौतियों तथा अन्य देश से आउटसोर्सिंग ने अपेक्षाकृत निम्न स्थिति में ला दिया है.इसका यह भी तात्पर्य है कि निम्न वर्ग के लोगों को गरीबी में अधिक कठिन समय का सामना करना पड़ता है क्यों कि उनके पास मध्यम वर्ग की तरह आगे बढ़ने के लिए रास्तों का अभाव है. <ref>मध्य वर्ग में गिरावट: एक अन्य विश्लेषण, पैट्रिक जे. के द्वारा पत्रिका लेख.मैकमोहन , जॉन एच.टीशेटर ; मजदूरों के मासिक समीक्षा , पुस्तक.109, 1986</ref>
** '''कमजोर श्रम संघों''': हमेशा बढती हुई कम्पनियों की संख्या और सस्ते श्रम की अधिकता ने संयुक्त राज्य में श्रम संघों को कमजोर बनाया है. संघ अपनी प्रभावशीलता को खो देते हैं जब उनकी सदस्यता में कमी आने लगती है.इसके परिणाम स्वरुप संघों के पास निगमों की तुलना में कम शक्ति होती है, निगम कम मजदूरी के लिए श्रमिकों को बदल सकते हैं और उनके पास संघीय नौकरियों की पेशकश ना करने का विकल्प होता है. <ref>हर्स्ट ई.चार्ल्स सामाजिक असमानता: प्रकार, कारण, और परिणाम , छठा संस्करण.P.41</ref>
 
दिसम्बर 2007 में, विश्व बैंक अर्थशास्त्री ब्रैंको मिलेनोविक ने विश्व में गरीबी और असमानता पर पहले से अधिक अनुभवजन्य अनुसंधान किया,क्योंकि उनके अनुसार क्रय शक्ति में सुधार इस बात को इंगित करता है कि विकास शील देश सोच से ज्यादा बुरी हालत में हैं.मिलेनोविक की टिप्पणी है कि "देशों के अभिसरण या अपसरण पर विद्वानों के सैंकडों कागजात ' पिछले दशक में , जिनमें आय पर हमारी जानकारी के आधार प्रकाशित हुए ,अब गलत आंकड़े है .