"गेहूँ के जवारे": अवतरणों में अंतर

छो बॉट से अल्पविराम (,) की स्थिति ठीक की।
छो पूर्णविराम (।) से पूर्व के खाली स्थान को हटाया।
पंक्ति 108:
क्लोरोफिल हमें तीन प्रकार से लाभ देता है।
 
# शोधन – घावों के लिए क्लोरोफिल अत्यंत प्रबल कीटाणुनाशक है। यह फंगसरोधी भी है और शरीर से टॉक्सिन्स को विसर्जन करता है। ।है।। यह कई रोग पैदा करने वाले जीवाणु को नष्ट करता है और उनके विकास को बाधित करता है। यकृत का शोधन करता है।
# एंटी-इन्फ्लेमेट्री – यह शरीर में इन्फ्लेमेशन को कम करता हैं। अतः आर्थ्राइटिस, आमाशय शोथ, आंत्र शोथ, गले की ख़राश आदि में अत्यंत लाभदायक हैं।
# पोषण – यह रक्त बनाता है, आंतों के लाभप्रद कीटाणुओं को भी पोषण देते हैं।
पंक्ति 159:
5-पानी देने के लिए स्प्रे-बोटल या पौधों को पानी पिलाने वाला झारा व कैंची।
विधि
1- हमेशा जैविक बीज ही काम में लें, ताकि आपको हमेशा मधुर व उत्कृष्ट रस प्राप्त हो जो विटामिन और खनिज से भरपूर हो ।हो। रात को सोते समय लगभग 100 ग्राम गेहूँ एक जग में भिगो कर रख दें।
2- सभी गमलों के छेद को एक पतले पत्थर के टुकड़े से ढक दें। अब मिट्टी और खाद को अच्छी तरह मिलाएं। गमलों में मिटटी की डेढ़ दो इंच मोटी परत बिछा दें और पानी छिड़क दें। ध्यान रहे मिट्टी में रासायनिक खाद या कीटनाषक के अवशेष न हों और हमेशा जैविक खाद का ही उपयोग करें। पहले गमले पर रविवार, दूसरे गमले पर सोमवार, इस प्रकार सातों गमलो पर सातों दिनों के नाम लिख दें।
3- अगले दिन गेहुंओं को धोकर निथार लें। मानलो आज रविवार है तो उस गमले में, जिस पर आपने रविवार लिखा था, गेहूँ एक परत के रूप में बिछा दें। गेहुंओं के ऊपर थोड़ी मिट्टी डाल दें और पानी से सींच दें। गमले को किसी छायादार स्थान जैसे बरामदे या खिड़की के पास रख दें, जहां पर्याप्त हवा और प्रकाश आता हो पर धूप की सीधी किरणे गमलों पर नहीं पड़ती हो। अगले दिन सोमवार वाले गमले में गेहूँ बो दीजिये और इस तरह रोज एक गमले में गेहूँ बोते रहें।