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|death_place = नई दिल्ली}}
'''गोपीनाथ मुंडे''' (१२ दिसम्बर १९४९ – ३ जून २०१४) एक [[भारत|भारतीय]] राजनेता और [[महाराष्ट्र]] के पूर्व [[उपमुख्यमंत्री]] थे। १९९५ में हुये विधानसभा के चुनावों में उन्होंने सफलता पाई और [[महाराष्ट्र]] राज्य के [[उपमुख्यमंत्री]] बने। उन्होंने अपनी पहचान ज़मीन से जुड़े एक कार्यकर्ता के तौर पर बनाई और वे एक राजनेता के साथ-साथ एक कृषक भी थे ।थे। मई-२०१४ में वह नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे, लेकिन उस के कुछ दिनों बाद ही दिल्ली में एक कार दुर्घटना में उनका देहान्त हुआ।
<ref name="गोपीनाथ मुंडे को लेकर असमंजस काय">{{cite web |url=http://aajtak.intoday.in/story.php/content/view/58411/Munde-crisis-Maharashtra-BJP-meeting-over.html
|title=गोपीनाथ मुंडे को लेकर असमंजस काय
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|publisher= [[आज तक]]
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पहली बार मराठवाड़ा के बीड़ से लोकसभा सांसद बनने के फौरन बाद मुंडे को पहले लोकसभा में [[भारतीय जनता पार्टी]] के उपनेता पद प्रदान किया गया ।गया। हाल में उन्हें संसद की लोकलेखा समिति का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। मुंडे महाराष्ट्र की जमीनी राजनीति की गहरी समझ और पार्टी के 'ओबीसी चेहरा' है।
<ref>{{cite web |url=http://navbharattimes.indiatimes.com/criarticleshow/5692188.cms
|title=मुंडे को संगठन से किनारे कर दिया गडकरी ने
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== राजकीय कारकीर्द ==
कभी महाराष्ट्र मे बीजेपी के सर्वेसर्वा के तौर पर जाने वाले गोपीनाथ मुंडे के गडकरी ने ऐसे पर कतरे कि मुंडे को अब राजनीतिक पुनर्वास के लिए फिर राज्य की राजनीति में वापस लौटना पड़ सकता हैं। मुंडे की बेटी पंकजा ही मुंडे की विरासतदार है ।है। पंकजा विधानसभी कि संदस्य है मुंडे के परळी चुनावक्षेत्र से ।से। एक वक्त था जब महाराष्ट्र बीजेपी मे मुंडे- महाजन की तुती बोला करती थी ।थी। मुंडे का आदेश आखरी समछा जाता था ।था। 1978 ने पहिली बार महाराष्ट्र वि्धानसभा का चुनाव लढा पर हार गये ।गये। इसके बाद बीड जीला परिषद के सदस्य बने ।बने। 1980 मे महाराष्ट्र बीजेपी मे सक्रमण का वक्त था, वसंतराव भागवत ने इसी समय पिछडे वर्ग को साख लेकर राजनिती करने की नयी राजनितीक संकल्पना रखी नाम था माधव .यानी माळी, धनगर, ओर वंजारी समाज को साथ लेकर आगे बढने की नीती. मुंडे वंजारी समाज का प्रतिनीधीत्व करते थे ।थे। इसी बदलाव की धारा मे मुंडे 1980 मे महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य बने.मुंडे महाराष्ट्र विधानसभा मे पोहच चुके थे। इस बीच 1985 सी का विधानसभा चुनाव मुंडे कॉग्रेस के उमीदवार से विधानसभा चुनाव रेणापुर से लढा ओर वो भी हारे ।हारे। इसी दोरान हुवे 1990 के विधानसभा चुनावो मे मुंडे फिर एक बार विधानसभा पर पोहचे ।पोहचे। इस दौरान मुंडेने अपनी पहचान पिछडो के नेता के तौरपर बना ली थी, विधानसभा मे आक्रमक नेता के तौर पर उन्होने अपनी छवी भी बनाई ।बनाई। 1993 के मुंबई बम धमाको के बाद शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने, पर गोपिनाथ मुंडे ने पवार का नाम अंडर्वल्ड डॉन दाउद इब्राहीमे से जोडकर पुरे राज्यमे दौरा कीया ।कीया। मुंडे के प्रचार से पवार खासे बदनाम हुवे ओर 1995 मे महाराष्ट्र के गद्दीपर सेना बीजेपी की सरकार बैठी ।बैठी। साप था की सरकार मे गोपिनाथ मुंडे को उपमुख्यमंत्री के साख गृहमंत्री पद की बक्षिसी मीली ।मीली। इस दौरान मुंडे ने पुरे महाराष्ट्र के कयी दौरे कीये जीसेस बीजेपी अपने साथ बहुजन समाज को जोड पायी ओर मुंडे बने लोकनेता ।लोकनेता। इसी समय मुंडे ने अपने आप को सहकार क्षेत्र से भी जोडा ।जोडा। बीजेपी सेना गटबंधनवाली सरकार मे मुंडे ने उपमुख्यमंत्री ओर गृहमंत्री के तौरपर अंडरवल्ड के खातमे पर जोर दिया, मुंबई पुलिस ने उन्हीके कार्यकाल मे कयी सारे अंडरवल्ड के गुरगो के एन्कांन्टर कीये ।कीये। मुंडे की ये सबसे बडी सफलथा थी ।थी। दुसरी तरफ विकास की राह पर महाराष्ट्र को आगे ले जा रहे थे ।थे। मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे का काम कम किमत मे शुरू कीया रेकॉर्ड टाईम मे उसे पुरा भी कीया ।कीया। मुंबई के रास्तोपर 55 पुलो का निर्माण किया ।किया। 2006 मे प्रमोद महाजन का निधन हुवा ओर मुंडे का महाराष्ट्र बीजेपी से वर्चस्व कम होता गया ।गया। महाराष्ट्र विधानसभा के 2009 के चुनावो मे मुंडे को मराठवाडा इलाके के तीकट देने को मंजुरी दी गयी पर मुंडे केवल अपनी बेटी पंकजा के साथ मीलकर दो सीटोपर विधायक चुनकर ला पाये ।पाये।
 
गोपीनाथ मुंडे पिछले दशकों से [[महाराष्ट्र]] की राजनीति की धुरी माने जाते हैं। उन्होने चुनावों मे [[भारतीय जनता पार्टी]] को भारी बहुमत से जिताने के लिए बहुत परिश्रम किया। दिवंगत नेता प्रमोद महाजन के साथ मिलकर उन्होंने [[महाराष्ट्र]] की [[भारतीय जनता पार्टी]] राजनीति को सफलता दिलाई थी। [[भारतीय जनता पार्टी]] शिवसेना १९९५ [[महाराष्ट्र]] राज्य विधानसभा चुनाव जीता और शिवसेना- भारतीय जनता पार्टी की गठबंधनसत्ता में आ गया।
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|publisher= [[दैनिक भास्कर]]
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एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार एनसीपी को राज्य की नंबर वन पार्टी बनाने के लिए सारे जोड़-तोड़ और जुगाड़ में लगे हैं और इसके लिए वो विरोधियों की जड़ पर वार करते नजर आ रहे हैं। [[भारतीय जनता पार्टी]] के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे के परिवार में दरार डाली। उनके भाई-भतीजे को पार्टी में शामिल करके गोपीनाथ पर करारे वार करवाए ।करवाए।
<ref>{{cite web |url=http://khabar.ibnlive.in.com/news/65994/12/4
|title=भतीजे ने बीजेपी तो पवार ने शिवसेना को दिया झटका