"स्मृति (मनोविज्ञान)": अवतरणों में अंतर
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अब प्रश्न यह उठता है कि स्मृति के विभिन्न प्रक्रमों की क्रियाविधि क्या है? स्मृति की उपरोक्त प्रक्रमों को समझाने के लिए 1968 में एटकिंसन तथा सिफ्रिन ने स्मृति की बहुस्तरीय संग्रहण की व्याख्या प्रस्तुत की। इस परिभाषा के अनुसार स्मृति के तीन मुख्य संग्रह होते हैं।<br />
=== संवेदी स्तर स्मृति ===
हमारी ज्ञानेन्द्रियां (संवेदी अंग) किसी भी सूचना को वातावरण से ग्रहण करके उसे मस्तिष्क तक पहुंचाने का कार्य करती हैं। बाद मे उस सूचना के आधार पर मस्तिष्क द्वारा एक निष्कर्ष निकाला जाता है। हम देखने, सुनने या त्वचा द्वारा शीत या गर्मी की अनुभूति का उदाहरण ले सकते हैं। कोई भी वातावरणीय उद्दीपन जैसे प्रकाश या ध्वनि सबसे पहले अपने संबंधित ज्ञानेन्द्रिय मे बहुत ही कम समय के लिए कूटबद्ध रूप में संग्रहित होता है। यह संग्रहण अत्यल्प समय के लिए होता है। दृष्टि के लिए इसकी सीमा 0.5 सेकेंड और श्रवण के लिए इसकी समय सीमा 2 सेकेंड के आसपास होती है। इस समय सीमा के पश्चात इस संग्रहित स्मृति का क्षय हो जाता है। ऐंद्रिक स्तर पर सूचनाएं अभी प्रारंभिक होती हैं और इनसे कोई निष्कर्ष नहीं निकाल सकते। इनका मस्तिष्क द्वारा संयोजन तथा परिमार्जन अभी बाकी होता है।
=== अल्पकालीन स्मृति ===
ज्ञानेन्द्रियों द्वारा प्राप्त सूचनाएं जब हमारे ध्यान में आती हैं तो वे अल्पकालीन स्मृति का भाग बनती हैं। यहां उल्लेखनीय है कि संवेदी स्तर की वे सभी सूचनाएं जिन पर हम ध्यान नहीं देते वे समाप्त हो जाती हैं। केवल वहीं सूचनाएं जिन पर हम एकाग्र होते है वे अल्पकालीन स्मृतियां बनती हैं। अल्पकालीन स्मृति को क्रियात्मक स्मृति भी कहा जाता है। इस प्रकार की स्मृति का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हमारे द्वारा कोई फोन नंबर याद करना है। जब हम किसी नंबर को देख कर उसे डायल करते हैं तो दो बाते होती हैं। सबसे पहले हम नबर को देखते हैं और उसे कुछ एक बार दोहरा के याद करते हैं फिर नंबर डायल करने के बाद सामान्यतः उसे भूल जाते हैं। अतः इस प्रकार की स्मृति के संबंध में दो निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं। प्रथम, अल्पकालीन स्मृति की क्षमता बहुत कम होती है (सामान्यतः इसका मान 7±2 होता है, अर्थात् हम 5 से 9 अंको तक की कोई संख्या आसानी से याद कर सकते हैं। यदि हमें 14 अंको की कोई संख्या याद करनी हो तो इसे दो के जोड़े में बदल कर याद करते हैं।) द्वितीय, इस प्रकार की स्मृति में अगर एकाग्रता में थोड़ी भी कमी से हमारा ध्यान बंट जाए तो स्मृति शेष नहीं रह जाती। फोन वाले उदाहरण में अगर नंबर याद करने और डायल करने के बीच में कोई दूसरी बात हो जाए तो हमें नंबर याद नहीं रहेगा। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि इस प्रकार की स्मृति में सूचना का कुल संग्रहण 20 से 30 सेकेंड तक ही होता है। लेकिन अगर सूचना को दोहराया जाए तो यह समय 20 से 30 सेकेंड से अधिक भी हो सकता है। और अगर बार-बार ध्यान से दोहराएं तो यह सूचना दीर्घकालीन स्मृति में परिवर्तित हो जाती है।
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