छो Bot: Migrating 6 interwiki links, now provided by Wikidata on d:q1939951 (translate me)
छो सन्दर्भ की स्थिति ठीक की।
पंक्ति 20:
धार्मिक हिंदुओं के एक अल्प समुदाय ने ही औपचारिक रूप से संत मत का अनुगमन किया है. परंतु इस परंपरा का सभी संप्रदायों और जातियों पर बहुत प्रभाव पडा़ है. मीरा बाई जैसे बीते संतों के भजन (भक्ति गीतों) को भारत और विश्व भर में हिंदु जातियों में काफी सुना जाता है. मध्यकालीन और आधुनिक भरत में केवल संत परंपरा ही है जिसने सफलतापूर्वक हिंदू और मुस्लिम सीमाओं को तोड़ा है. जूलियस जे. लिप्नर ने जोर दे कर कहा है कि संतों की धार्मिक शिक्षाओं ने कई हिंदुओं के जीवन का उत्थान किया है और उसने उसे स्वतंत्रतादायिनी कहा है.<ref name=लिप्नर>लिप्नर, जूलियस जे. ''हिंदूज़: देयर रिलीजियस बिलीफ्स एंड प्रैक्टिसिस'' (1994). राऊटलेज (यूनीइटिड किंग्डम), पृ. 120-1 . ISBN 0-415-05181-9</ref>
 
संत मत परंपरा में जिंदा गुरु को महत्व दिया जाता है जिसे [[सत्गुरु]] या 'पूर्ण गुरु' जैसे सम्मान सूचक शब्दों के साथ संबोधित किया जाता है. <ref name="isbn0-914829-42-4">{{cite book |author=ल्यूइस, जेम्स पी. |title=सीकिंग द लाइट: अनकवरविंग द ट्रूथ अबाउट द मूवमेंट ऑफ स्पिरीचुअल इन्नर अवेयरनेस एंड इट्स फाऊँडर जॉन-रोजर |publisher=मंडेविले प्रेस |location=हिचइन |year=1998 |isbn=0-914829-42-4 |oclc= |doi= |accessdate= |page=62}}</ref>
 
== अन्य संबंधित आंदोलन ==
पंक्ति 30:
गुरु महाराज जी (प्रेम रावत) और डिवाइन लाइट मिशन (एलेन विटाल) को जे. गोर्डन मेल्टन, लूसी डू पर्टीज़, और विशाल मंगलवाड़ी संत मत परंपरा का मानते हैं परंतु रॉन ग्रीव्ज़ इस लक्षण-वर्णन के विरोधी हैं .<ref> जे. गोर्डन मेल्टन., एनसाइक्लोपीडिया ऑफ अमेरीकन रिलीजियंस </ref><ref>लूसी डू पर्टीज़. "हाओ पीपल रिकॉगनाइज़ करिश्मा: ''राधास्वामी'' और डिवाइन लाइट मिशन" के मामले में ''दर्शन'' in ''सोशिऑलाजिकल एनालाइसिस: अ जर्नल इन द सोशियोलोजी ऑफ रिलीजियन '' Vol. 47 No. 2 by एसोसिएशन फॉर द सोशियोलॉजी ऑफ रिलीजियन. शिकागो, समर 1986, ISSN 0038-0210, pp.&nbsp;111-124.</ref><ref>{{Citation|last=मंगलवाडी|first=विशाल|author-link=विशाल मंगलवाडी|title=वर्ल्ड आफ गुरुज़|publisher=विकास पब्लिशिंग हाऊस प्रा.लि.|location=नई दिल्ली|year=1977|page=218|isbn=0-7069-0523-7}}</ref><ref>रोन ग्रीव्ज़. "फ्राम डिवाइन लाइट मिशन टू एलन विटाल एंड बियोंड:एन एक्सप्लोरेशन ऑफ चेंज एंड एडेप्टेशन" in ''नोवा रिलीजियो:द जरनल ऑफ आल्टरनेटिव एंड इमेर्जेंट रिलीजियंस'' वाल्यूम. 7 No. 3. मार्च 2004, पृ. 45–62. मूल रूप से अल्प मत धर्म, सामाजिक परिवर्तन और आत्मा की स्वतंत्रता पर (यूनीवर्सिटी ऑफ ऊटाह एट साल्ट लेक सिटी) में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया. [http://कैलीबर.यूसीप्रेस.लेट/doi/abs/10.1525/nr.2004.7.3.45 At Caliber (जरनल्स ऑफ द यूनीवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया प्रैस)]</ref> 20वीं सदी के एकंकार Eckankar धार्मिक आंदोलन को भी [[डेविड सी. लेन]] ने संत मत परंपरा की ही शाखा माना है.<ref name="लेन">लेन, डेविड सी., "एक आध्यात्मिक आंदोलन की रचना", एल मार प्रैस; संशोधित संस्करण (दिसंबर 1, 1993), ISBN 0-9611124-6-8</ref> जेम्स आर. ल्यूइस ने इन आंदोलनों को ''नए संदर्भ में पुराने विश्वास की अभिव्यक्ति'' कहा है.<ref>ल्यूइस, जेम्स आर. ''द ऑक्सफोर्ड हैंडबुक ऑफ न्यू रिलीजियस मूवमेंट्स'' पृ.23,ऑक्सफोर्ड यूनीवर्सिटी प्रैस (2003), ISBN 0-19-514986-6</ref>
 
वर्तमान मे सन्तमत परम्परा अपने शुद्द स्वरुप मे सन्तमत अनुयायी आश्रम वारानसी मे प्रवाहित है| <ref name= सन्तमत अनुयायी आश्रम > A BRIEF INTRODUCTION [http://www.gurusantmat.org/index.php?option=com_content&view=article&id=102&Itemid=91&lang=hi At "सन्तमत अनुयायी आश्रम"] </ref>
 
== यह भी देखें ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/संत_मत" से प्राप्त