"चीन का इतिहास": अवतरणों में अंतर

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पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर चीन में मानव बसाव लगभग साढ़े बाईस लाख (22.5 लाख) साल पुराना है। चीन की सभ्यता [[विश्व]] की पुरातनतम सभ्यताओं में से एक है ।है। यह उन गिने-चुने सभ्यताओं में एक है जिन्होनें प्राचीन काल में अपना स्वतंत्र लेखन पद्धति का विकास किया ।किया। अन्य सभ्यताओं के नाम हैं - प्राचीन भारत ([[सिंधु घाटी सभ्यता]]), [[मेसोपोटामिया की सभ्यता]], [[मिस्र सभ्यता]] और [[माया सभ्यता]] । चीनी लिपि अब भी चीन, [[जापान]] के साथ-साथ आंशिक रूप से [[कोरिया]] तथा [[वियतनाम]] में प्रयुक्त होती है ।है।
 
== विहंगम् दृष्य ==
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प्रथम एकीकृत चीनी राज्य की स्थापना किन वंश द्वारा २२१ ईसा पूर्व में की गई, जब चीनी सम्राट का दरबार स्थापित किया गया और चीनी भाषा का बलपूर्वक मानकीकरण किया गया। यह साम्राज्य अधिक समय तक नही टिक पाया क्योंकि कानूनी नीतियों के चलते इनका व्यापक विरोध हुआ।
 
ईसा पूर्व 220 से 206 ई. तक हान राजवंश के शासकों ने चीन पर राज किया और चीन की संस्कृति पर अपनी अमिट छाप छोड़ी ।छोड़ी। य़ह प्रभाव अब तक विद्यमान है ।है। हान वंश ने अपने साम्राज्य की सीमाओं को सैन्य अभियानों द्वारा आगे तक फैलाया जो वर्तमान समय के कोरिया, वियतनाम, मोंगोलिया, और मध्य एशिया तक फैला था और जो मध्य एशिया में रेशम मार्ग की स्थापना में सहायक हुआ।
 
हानों के पतन के बाद चीन में फिर से अराजकता का माहौल छा गया और अनेकीकरण के एक और युग का आरम्भ हुआ। स्वतंत्र चीनी राज्यों द्वारा इस काल में जापान से राजनयिक सम्बन्ध स्थापित किए गए जो चीनी लेखन कला को वहां ले गए।
 
५८० ईसवीं में सुई वंश के शाशन में चीन का एक बार फ़िर एकीकरण हुआ लेकिन सुई वंश कुछ वर्षों तक ही रहा (५९८ से ६१४ ईसवीं) और गोगुर्येओ-सुई युद्धों में हार के बाद सुई वंश का पतन हो गया।
इसके बाद के तेंग और सोंग वंशों के शाशन में चीनी [[संस्कृति]] और [[प्रोद्योगिकी]] अपने चरम पर पहुंचे। सोंग वंश विश्व इतिहास की पहली ऐसी सरकार थी जिसने कागजी मुद्रा जारी की और पहली ऐसी चीनी नागरिक व्यवस्था थी जिसने स्थायी नौसेना की स्थापना की। १०वीं और ११वीं शताब्दी में चीन की जनसँख्या दुगुनी हो गई। इस वृद्धि का मुख्य कारण था चावल की खेती का मध्य और दक्षिणी चीन तक फैलाव और खाद्य सामग्री का बहुतायत में उत्पादन। उत्तरी सोंग वंश की सीमाओं में ही १० करोड़ लोग रहते थे। सोंग वंश चीन का सांस्कृतिक रूप से स्वर्णिम काल था जब चीन में कला, साहित्य, और सामाजिक जीवन में बहुत उन्नति हुई। सातवीं से बारहवीं सदी तक चीन विश्व का सबसे सुसंस्कृत देश बन गया ।गया।
 
== [[मध्यकालीन चीन]] ==
1271 में मंगोल सरदार कुबलय खां ने युआन रादवंश की स्थापना की जिसने 1279 तक सोंग वंश को सत्ता से हटाकर अपना अधिपत्य कायम किया ।किया। एक किसान ने 1368 में मंगोलों को भगा दिया और मिंग राजवंश की स्थापना की जो 1664 तक चला ।चला। मंचू लोगों के द्वारा स्थापित क्विंग राजवंश ने चीन पर 1911 तक राज किया जो चीन का अंतिम वंश था ।था।
 
=== युआन शासन (1279-1368 ई.) ===
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== [[आधुनिक चीन]] ==
युद्ध कला में मध्य [[एशिया]]ई देशों से आगे निकल जाने के कारण चीन ने मध्य एशिया पर अपना प्रभुत्व जमा लिया, पर साथ ही साथ वह यूरोपीय शक्तियों के समक्ष कमजोर पड़ने लगा ।लगा। चीन शेष विश्व के प्रति सतर्क हुआ और उसने यूरोपीय देशो के साथ व्यापार का रास्ता खोल दिया ।दिया। ब्रिटिश [[भारत]] तथा [[जापान]] के साथ हुए युद्धों तथा गृहयुद्धो ने क्विंग राजवंश को कमजोर कर डाला ।डाला। अंततः 1912 में चीन में गणतंत्र की स्थापना हुई ।हुई।
 
=== चीनी गणराज्य (१९१२-१९४९) ===
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[[चीनी गृह युद्ध]] के बाद, मुख्य भूमि चीन विघटनकारी सामाजिक आंदोलनों के दौर से गुजरा जिसका आरम्भ १९५० में "ग्रेट लीप फॉरवर्ड" से हुई और जो १९५० के दशक की "सांस्कृतिक क्रांति" के साथ जारी रही जिसने चीन की शिक्षा व्यवस्था और अर्थव्यवस्था का बिखराव कर दिया। माओ ज़ेदोंग और झोउ एनलाई जैसे अपनी पहली पीढ़ी के साम्यवादी दल के नेताओं की मृत्यु के साथ ही, चीनी जनवादी गणराज्य ने देंग जियाओपिंग की वकालत में राजनीतिक और आर्थिक सुधारों की एक श्रृंखला आरम्भ की जिसने अंतत: १९९० के दशक में चीनी मुख्य भूमि के तीव्र आर्थिक विकास की नींव रखी।
 
१९७८ के बाद के सुधारों के कारण समाज के कई क्षेत्रों पर नियंत्रण में कुछ ढील दी गयी है। बहरहाल, ची ज ग (परक) सरकार का अभी भी राजनीति पर लगभग पूर्ण नियंत्रण है, और यह लगातार उन कारणों के उन्मूलन प्रयासों में लगी रहती है जिसे ये देश के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता के लिए खतरे के रूप देखती है। उदाहरण के लिए आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई, राजनीतिक विरोधियों और पत्रकारों को कारावास, प्रेस विनियमन की निगरानी, धर्म का विनियमन, और स्वतंत्रता/पृथकतावादी आंदोलनों को कुचलना। १९८९ में त्यानआनमेन चौक में छात्र विरोध समाप्त करने के लिए चीन की सेना ने मार्शल लॉ के १५ दिन के बाद हिंसक रूप से कुचल दिया। १९९७ में ब्रिटेन द्वारा [[हांगकांग]] के चीन को वापस दे दिया गया और १९९९ में [[पुर्तगाल]] द्वारा [[मकाउ]]
 
== इन्हें भी देखें ==