"पादप वर्गीकरण": अवतरणों में अंतर

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| name = पादप या उद्भिद
| fossil_range = <br />प्रारम्भिक कैम्ब्रियन से अब तक , लेकिन [[#Fossils|टेक्स्ट देखें]], {{Fossil range|520|0}}
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'''पादप वर्गिकी''' (Plant Taxonomy) के अन्तर्गत पृथ्वी पर मिलने वाले पौधों की पहचान तथा पारस्परिक समानताओं व असमानताओं के आधार पर उनका वर्गीकरण किया जाता है। विश्व में अब तक विभिन्न प्रकार के पौधों की लगभग 4.0 लाख जातियाँ ज्ञात है जिनमें से लगभग 70% जातियाँ पुष्पीय पौधों की है । प्राचीनकाल में मनुष्य द्वारा पौधों का वर्गीकरण उनकी उपयोͬगता जैसे भोजन के रूप में , रेशे प्रदान करने वाले , औषध प्रदान करने वाले आदि के आधार पर किया गया था लेकिन बाद में पौधों को उनके आकारिकीय लक्षणों (morphological characters) जैसे पादप स्वभाव, बीजपत्रों की संख्या, पुष्पीय भागों की संरचना आदि के आधार पर किया जाने लगा। वर्तमान में पौधों के आकारिकीय लक्षणों के साथ-साथ भौगोलिक वितरण, शारीरिक लक्षणों (Anatomical characters), रासायनिक संगठन, आण्विक लक्षणों (molecular characters) आदि को भी वर्गिकी में प्रयुस्त किया जाता है। इस प्रकार पादप वर्गिकी के उपयुस्त आधारों के अनुसार निम्न प्रकार के बिन्दु स्पष्ट हो जाते है -
 
*(1) कोशिका वर्गिकी (Cytotaxonomy) : कोशिकीय संरचना व संगठन के आधार पर
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17. दल विन्यास के विकास का क्रम इस प्रकार है :
:: व्यावर्तित (Twisted) , कोरछादी (Imbricate) , कोरस्पर्शी (Valvate)
 
18. त्रिज्यासममित (actinomorphic) पुष्प आद्य तथा एकव्यास सममित (zygomorphic)
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24. पृथक पुंकेसरी (polystaminous) पुष्प आद्य तथा संयुस्त पुंकेसरी (synstaminous) पुष्प प्रगत है।
 
डेविस (Davis, 1967) ने इनमें कुछ और लक्षणों को सम्मिलित किया है , जो इस प्रकार है :
 
25. अननुपर्णी (exstipulate) पत्तियों की अपेक्षा अनुपर्णी (Stipulate) अͬधक आद्य है तथा स्वतंत्र अनुपर्ण (Free stipules) सलां ग अनुपर्ण की अपेक्षा आद्य है।
 
26. द्विबीजपत्री पौधों में फायलोͫडक (phyllodic) पर्ण , पटलीय पर्ण की अपेक्षा प्रगत है।
 
27. तने , शाखाओं शाखाओं, पत्तियों एवं सहपत्रों का कंटीलापन या व्युत्पन्न (derived) अͬधक आधु निक स्थिति है जो वातावरण के अनुकू लन के रूप में विकसित हुई है।
 
28. प्रकीर्णन एवं वितरण की आद्य इकाई बीज है , लेकिन आगे चलकर चरम स्थिति में पुष्पक्रम अथवा टम्बल वीɬस (लुढकने वाले पौधों) में पूरा पौधा ही प्रकीर्णन की इकाई बन जाता है।
 
29. पुष्प एवं पुष्पांगों की बहु रूपीयता, एकरूपीयता से विकसित है।
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==वर्गीकरण की इकाइयाँ ==
पौधों की विस्तृत वर्गीकृत स्थिति का ज्ञान जिन इकाइयों द्वारा होता है , उन्हें वर्गीकरण की इकाई कहते है जैसे -
 
1. जगत (Kingdom)
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वैसे इन प्रमाͨणक अनुलग्नों के अपवाद भी है जिन्हें मान्यता प्राप्त है चूंकि ऐसे नाम काफी लंबी अवͬध तक प्रयुस्त किये जाते रहे तथा नामकरण नियमों से पहले काफी लोकप्रिय थे। उदाहरण के लिये सभी गणों (orders) का अनुलग्न-ales है परन्तु कुछ गण जैसे (glumiflorae व tubiflorae में यह- ae है ; इसी प्रकार सभी कुलों का अनुलग्न- aceae है परन्तु कुछ कुल जैसे Palmae, Cruciferae, Leguminosae, Umbelliferae, Labiatae आदि में यह नहीं है , फिर भी नियमावली में इन नामों में छूट की व्यवस्था है। सभी वर्ग (Taxon) के नाम (कुल (Family) व इसकी नीचे की श्रेणी) को लेटिन भाषा में लिखना अनिवार्य है।
 
सामान्यत: सभी वर्गकों की आधारभू त इकाई वंश (Genus) होती है तथा इसके अन्तर्गत आने वाली सभी कोटियों (Rank) को लिखते समय निम्न दो मुख्य सिद्धान्तों का पालन करना अनिवार्य है-