"जलविद्युत ऊर्जा": अवतरणों में अंतर
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== जल विद्युत के लाभ ==
* ऊर्जा का एक '''नवीकरण योग्य''' स्रोत – दुर्लभ ईंधन संसाधनों की रक्षा करता
* '''प्रदूषण रहित''' और इसलिए पर्यावरण
* '''दीर्घकालिक''' – वर्ष 1897 में दार्जिलिंग में पूर्ण की गई पहली जल विद्युत परियोजना अभी तक प्रचालनरत
* ऊर्जा के अन्य स्रोतों की तुलना में उत्पादन, प्रचालन तथा अनुरक्षण की '''लागत कम'''
* शीघ्र प्रारंभ तथा रूकने की क्षमता और भार को त्वरित स्वीकार/अस्वीकार करना इसे अधिकतम मांग को पूरा करने और प्रणाली की विश्वसनीयता तथा स्थिरता में वृद्धि करने के लिए उपयुक्त बनाता
* तापीय (35 प्रतिशत) और गैस (लगभग 50 प्रतिशत) की तुलना में '''उच्चतर दक्षता''' (90 प्रतिशत से अधिक)
* उत्पादन की लागत प्रारंभिक स्थापन के पश्चात मुद्रास्फीति के प्रभावों से मुक्त होती
* भण्डारण आधारित जल विद्युत योजनाएं अक्सर सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, पेयजल आपूर्ति, नौवहन, मनोरंजन, पर्यटन, मत्स्य पालन आदि हेतु सहायक लाभ मुहैया करवाती
* सुदूर क्षेत्रों में अवस्थित होने के कारण यह भीतर के पिछड़े क्षेत्रों के विकास में परिणत होती हैं (शिक्षा, चिकित्सा, सड़के, संचार, दूर संचार आदि)।
== भारत में जलविद्युत की अनुमानित क्षमता ==
भारत में विद्यमान आर्थिक रूप से दोहन योग्य तथा अर्थक्षम जल संभाव्यता 66 प्रतिशत भार कारक पर 84,000 मेगावाट आंकलित की गई है (1,48,701 मेगावाट स्थापित क्षमता)
== परिचय ==
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यों तो किसी भी रूप में उपलब्ध ऊर्जा को विद्युतशक्ति के जनन के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है। जलप्रपात में गिरते हुए पानी में निहित ऊर्जा का उपयोग प्राचीन काल से ही पनचक्की को चलाने में किया जाता रहा है, परंतु इस ऊर्जा का विद्युतशक्ति के लिए उपयोग बीसवीं शताब्दी की ही देन है।
न केवल गिरते हुए जल में निहित ऊर्जा का उपयोग शक्ति जनन के लिए किया जा सकता है, वरन् बहते हुए पानी में निहित गतिज ऊर्जा (kinetic energy) का उपयोग भी शक्ति जनन के लिए किया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले ऐसे स्थान का चुनाव करना होता है, जहाँ बाँध बाँधकर प्रचुर मात्रा में पानी जमा किया जा सके और उसमें निहित शक्ति को विद्युत् शक्ति के जनन के लिए जल को आवश्यकतानुसार नलों अथवा खुली नहर के द्वारा बिजलीघरों में प्रयुक्त किया जा सके। उपयुक्त स्थान की तलाश के लिए वर्षा तथा जमीन दोनों का अध्ययन करना होता है। बाँध ऐसी जगह बनाया जाता है जहाँ न्यूनतम मूल्य में बना बाँध अधिकतम पानी जमा कर सके। इसके लिए स्थान की प्राकृतिक दशा ऐसी होनी चाहिए कि कोई नदी घाटी में होती हुई पहाड़ों के बीच सँकरे मार्ग से गुजरती हो, जिससे सकरे स्थान पर बाँध बनाकर नदी के ऊपरी भाग को एक बड़े जलाशय में परिवर्तित किया जा सके। बाँध के ऊपर एक और अग्रताल (forebay) बनाया जाता है, जहाँ से पानी खुली नहर अथवा नलों द्वारा बिजलीघर तक ले जाया जाता है। यह पानी बिजलीघर में स्थित बड़े बड़े टरबाइनों को चलाता है, जिनसे योजित जनित्रों में विद्युत् शक्ति का जनन होता है। टरबाइन, सीमेंट कंक्रीट के बने ड्राफ़्टट्यूब (draft tube) के मुख पर अवस्थित होता
1. उच्च शीर्ष योजना (High Head Scheme) - लगभग 200 मीटर से अधिक।
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