"ज्वार-भाटा": अवतरणों में अंतर

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धरती पर स्थित सागरों के जल-स्तर का सामान्य-स्तर से उपर उठना '''ज्वार''' तथा नीचे गिरना '''भाटा''' कहलाता है। ज्वार-भाटा की घटना केवल सागर पर ही लागू नहीं होती बल्कि उन सभी चीजों पर लागू होतीं हैं जिन पर समय एवं स्थान के साथ परिवर्तनशील गुरुत्व बल लगता है। ( जैसे ठोस जमीन पर भी)
 
पृथ्वी, चन्द्रमा और सूर्य की पारस्परिक गुरुत्वाकर्षण शक्ति की क्रियाशीलता ही ज्वार-भाटा की उत्पत्ति का प्रमुख कारण हैं ।हैं।
 
== ज्वार-भाटा के प्र
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[[चित्र:neaptide.jpg|thumb|160px|निम्न ज्वार की चित्रीय परिकल्पना]]
* [[उच्च ज्वार]]
- जब सूर्य, पृथ्वी तथा चन्द्र्मा एक सीध में होते हैं ।हैं।
* [[निम्न ज्वार]]
- जब सूर्य, पृथ्वी तथा चन्द्र्मा समकोणिक अवस्था में होते हैं ।हैं।
[[चित्र:orbit3.gif|thumb|left|160px|पृथ्वी के चक्कर लगाता चन्द्रमा]]