"भारती एयरटेल": अवतरणों में अंतर

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प्रमुख अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार कंपनियां जैसे [[वोदाफोन|वोडाफ़ोन]] और [सिंग टेल|सिंग टेल] की भारती एयरटेल में आंशिक भागीदारी है।
 
अप्रेल २००६ में [[जर्सी]] में [[चैनल द्वीप समूह|चैनल द्वीप]] में स्थानीय दूरसंचार नियंत्रक द्वारा भारती ग्लोबल लिमिटेड को दूरसंचार लाईसैंस प्रदान किया गया था। सिंतबर २००६ में [[ग्वेर्नसे|गोर्नजी]] उपयोगिता नियंत्रण कार्यालय ने गोर्नजी एयरटेल को मोबाइल दूरसंचार लाईसैंस प्रदान किया । मई २००७ में जर्सी एयरटेल और गोर्नज एयरटेल ने द्वीप में रहने वाले मोबाइल उपभोक्ताओं के लिए [[वोदाफोन|वोडाफोन]] के साथ संबधों की शुरूआत की घोषणा की है। जुलाई २००७ में, भारती एयरटेल ने नोकिया-सीमेन्स के साथ अपने मोबाइल और फिक्स्ड नेटवर्क के विस्तार हेतु ९०० मिलियन राशि वाले एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए "भारती और नोकिया ने मिलकर ९०० मिलियन डॉलर के विस्तार समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए "],[[Yahoo! समाचार]] ([[:en:Yahoo! News|Yahoo! News]]), ३ जुलाई , २००७</ref> अगस्त २००७ में कंपनी ने घोषणा की कि वह [[गूगल]] सर्च इंजन का कस्टमाइज्ड रूपांतर प्रस्तुत करेगा जो इसके ब्राडबैंड उपभोक्ताओं को विभिन्न प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराएगा।
 
मार्च २००८ में, भारती एयरटेल सिंगटेल] ([[:en:Singtel|Singtel]]) के साथ मिलकर श्रीलंका में तीसरी पीढ़ी सेवाएं शुरू करेगी। ऐसा इसलिए है कि सिंगापुर स्थित एशियाई दूरसंचार की प्रमुख कंपनी सिंगटेल जिसका भारती एयरटेल में ३० प्रतिशत हिस्सा है ३जी स्पेस में प्रमुख भूमिका निभाने वाली एक कंपनी है क्योंकि इसके पास पहले से ही संपूर्ण एशिया में विभिन्न नेटवर्क बाजार हैं।<ref><!--Translate this template and uncomment
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* कंपनी ने अपने ग्राहकों का १०० प्रतिशत सत्यापन पूरा कर लिया है ओर इस प्रक्रिया में इसने ३ लाख उपभोक्ताओं को अपनी सेवाएं देना बंद कर दिया है।
* भारती एयरटेल उद्यम सेवा के अध्यक्ष - डेविड यूरोप को भारत से जोड़ने में व्यस्त हैं। डेविड ने यूरोप (लंदन) को बरास्ता मध्य पूर्व होते हुए भारत से जोड़ने वाली १५,००० किलोमीटर लंबी ३.८४ टेराबिट ओएफसी सब-मेरीन केबल प्रणाली के निर्माण की घोषणा की। इस परियोजना को यूरोप-भारत द्वार (ईआईजी) के नाम से जाना जाता है और इसकी लागत लगभग ७०० मिलियन डालर बताई गई है जिसे Q२-२०१० तक पूरा किया जाना है। अल्काटेल ल्यूसेंट और टाइको इस परियोजना के दूसरंचार विक्रेता हैं।
ईआईजी संघ में शामिल सदस्यों के नाम - एटी एंड टी, सीएंडडबल्यू, डिबूती टेलीकॉम, ड्यू जिबटेलीकोम, आईएएम लिबयान टेलीकॉम, एमटीएन ग्रुप लिमिटेड, ओमानटेल, पीटी कम्यूनीकेकोज़-एसए, सऊदी दूरसंचार कंपनी , दूरसंचार मिस्र , टेलकम एसए लिमिटेड एवं वेरीजोन बिज़नेस हैं।
 
मई २००८ में भारती एयरटेल [[एमटीएन समूह|एमटीएन ग्रुप]] ([[:en:MTN Group|MTN Group]]) जो एक [[दक्षिण अफ़्रीका|दक्षिणी अफ्रीकी]] दूरसंचार कंपनी है और सेवाएं [[अफ़्रीका|अफ्रीका]] तथा [[मध्यपूर्व|मध्य पूर्व]],'' के देशों को अपनी सेवा दे रही है को खरीदने की आशा व्यक्त की है। [[द फाइनेंशियल टाइम्स|द फाइनेन्शयल टाइम्स]] ([[:en:The Financial Times|The Financial Times]])'' ने सूचित किया है कि भारती एमटीएन में १०० प्रतिशत भागीदारी के लिए ४५ बिलियन अमरीकी डालर दे रही है और यदि ऐसा हो जाता है तब किसी भारतीय फर्म द्वारा विदेश में अब तक का यह सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा। इसके बावजूद दोनों पक्षों ने वार्ता की अस्थायी प्रक़ति पर बल दिया है जबकि ''[[द इकोनोमिस्ट]] ([[:en:The Economist|The Economist]])'' पत्रिका ने टिप्पणी लिखी है कि ''यदि भारती ऐसा कोई भी [[Hypergyny|सौदा]] ([[:en:Hypergyny|marrying up]]) करती है, चूंकि एमटीएन के पास अधिक ग्राहक हैं, अधिक पैसा है और भोगोलिक दृष्टि से भी उसके पास अधिक क्षेत्र है।<ref>[http://www.economist.com/daily/news/displaystory.cfm?story_id=11323216&top_story=1 "अफ्रीका में उभरते टेलीकॉम बाजार पर नज़रें "], ''[[द इकोनोमिस्ट]] ([[:en:The Economist|The Economist]])'', [[६ मई]] ([[:en:6 May|6 May]])[[२००८]]</ref>