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'''टिटहरी''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Sandpiper'', [[संस्कृत]] : टिट्टिभ ) मध्यम आकार के जलचर [[पक्षी]] होते हैं, जिनका सिर गोल, गर्दन व चोंच छोटी और पैर लंबे होते हैं। यह प्राय: जलाशयों के समीप रहती है ।है। इसे कुररी भी कहते हैं ।हैं। नर अपनी मादा को हवाई करतबों से रिझाता है, जिनमें उड़ान के बीच में द्रुत चढ़ाव, पलटे और चक्कर होते है। यह तेज़ चक्करों, हिचकोलों और लुढ़कन भरी उड़ान है, जिसमें कुछ अंतराल पर पंख फड़फड़ाने की ऊंची [[ध्वनि]] दूर तक सुनाई देती है। ये धरती पर मामूली सा खोदकर अथवा थोड़े से कंकरों और बालू से घिरे गढ्डे में [[घोंसला]] बनाते हैं। इनका [[प्रजनन]] बरसात के समय [[मार्च]] से [[अगस्त]] के दौरान होता है। ये सामान्यत: दो से पांच [[नाशपाती]] के आकार के (पृष्ठभूमि से बिल्कुल मिलते-जुलते, [[पत्थर]] के रंग के हल्के पीले पर स्लेटी-भूरे, गहरे भूरे या बैंगनी धब्बों वाले) अंडे देती हैं।<ref name=EoB>{{cite book |editor=Forshaw, Joseph|author= Harrison, Colin J.O.|year=1991|title=Encyclopaedia of Animals: Birds|publisher= Merehurst Press|location=London|pages= 103–105|isbn= 1-85391-186-0}}</ref>
 
==वर्गीकरण==
[[चित्र:टिटहरी.jpg|thumb|right|250px|सफ़ेद पूंछ वाली टिटहरी (प्रजनन ब्लूचिस्तान में)]]
[[File:Waders in flight Roebuck Bay.jpg|thumb|250px|Sandpipers, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के रोबक खाड़ी में गैर प्रजनन के मौसम के दौरान टिटहरियाँ]]
टिटहरी का एक बृहद परिवार है विश्व में ।में। इस बड़े परिवार को अक्सर कई पक्षियों के समूहों में विभाजित किया जाता रहा है ।है। इन समूह आवश्यक रूप से एक ही जाति में शामिल नहीं है, अपितु वे अलग मोनोफाईलेटिक विकासवादी प्रजातियों और सम्मोहों में वर्गीकृत है।<ref>{{cite journal|last=थॉमस|first= गेवीन एच.|coauthors=विल्स, मैथ्यू ए ; सीजेकेली, टॉमस|year=2004|title= A supertree approach to shorebird phylogeny(फाइलोजेनी पक्षी : एक दृष्टिकोण)|journal=BMC journals|BMC Evol. Biol.|volume=4|page=28|doi=10.1186/1471-2148-4-28|pmc=515296|pmid=15329156}}</ref>यहाँ उसके कई रूपों को प्रस्तुत किया जा रहा है :
*'''कर्लीयुज'''
जीनस न्यूमेनियस (8 प्रजाति, जो 1-2 हाल ही में विलुप्त)
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*[[बर्मा]] की लाल गलचर्म,
*उभरे हुये पंख वाली
*उत्तरी इलाके की टिटहरी, जिसे पीविट या हरी [[पक्षी|चिड़िया]] भी कहते हैं ।हैं।
 
[[लाल]] और पीले गलचर्म वाली टिटहरी काफी आम है और बहुतायात में पायी जाती है ।है। [[लाल]] गलचर्म वाली टिटहरी की आँखों के आगे [[लाल]] मांसल तह होती है, जबकि पीले रंग की टिटहरी की आँखों के सामने चमकीले पीले [[रंग]] की मांसल तह और काली टोपी होती है ।है। [[मादा]] टिटहरियों का कद [[नर]] की तुलना मे छोटा और [[रंग]] फीका होता है ।है।
 
==प्रवृतियाँ==
[[File:Sandpiper nest with four eggs.jpg|thumb|250px|चार अंडों के साथ टिटहरी का घोसला]]
टिटहरियाँ बाहरी आक्रमण के प्रति निरंतर सजग रहती हैं और ख़तरा भांपते ही शोर मचाती हैं। लाल गलचर्म वाली टिटहरी का शोर सबसे अधिक तेज़ व वेधक होता है। टिटहरियाँ आक्रांता पर झपट पड़ती हैं और विशेष तौर पर घोंसला क़रीब होने पर उनके चारों तरफ उत्तेजित होकर चक्कर लगाती हैं। नवजातों को शिकारियों की नज़र से बचाने के लिए छद्म आवरण में रखा जाता है। किसी भी शिकारी के आने पर माता-पिता चूज़ों को मरने का स्वांग करने का संकेत देते हैं। यही तकनीक [[लोमड़ी]] जैसे अन्य [[पशु]] भी अपनाते हैं। उभरे हुए पंखों वाली टिटहरी के [[मगरमच्छ]] के खुले जबड़े के भीतर प्रवेश करने के प्रसंग विवादास्पद हैं, लेकिन हो सकता है कि ये मगर के दांतों और मसूड़ों से [[जोंक]] निकालती हों, लेकिन इन्हें कभी भी मुंह के भीतर घुसते हुए नहीं देखा गया है और [[मगरमच्छ]] के जबड़ों के पास या भीतर झुका हुआ कम ही पाया गया है। ये चीख़ मारकर [[मगरमच्छ]] को शिकारी के आगमन से आगाह करती है। दलदल और खुले मैदानों के लुप्त होने, चूजों, अंडों को खाए जाने, शिकारी व जाल में फंसाने तथा कीटनाशकों व [[प्रदूषण]] के कारण टिटहरी विलुप्तप्राय प्रजाति बन गई है। टिटहरी के पर्यावास को बचाने के लिए और अन्य जलपक्षियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रेखाकिंत करने के लिए संरक्षणवादी प्रयास कर रहे हैं ।हैं।
 
==निवास स्थान==