"तमस्": अवतरणों में अंतर

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संस्कृत गंथों में प्रकृति के तीन गुण बताए गए हैं - सत, रजस और तमस ।तमस। ''तमस्'' गुण के प्रधान होने पर व्यक्ति को सत्य-असत्य का कुछ पता नहीं चलता, यानि वो अज्ञान के अंधकार (''तम'') में रहता है ।है। यानि कौन सी बात उसके लिए अच्छी है वा कौन सी बुरी ये यथार्थ पता नहीं चलता और इस स्वभाव के व्यक्ति को ये जानने की जिज्ञासा भी नहीं होती ।होती।
 
[[श्रेणी:वैदिक दर्शन]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/तमस्" से प्राप्त