"दमाल कृष्णास्वामी पट्टम्माल": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
संजीव कुमार (वार्ता | योगदान) |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो पूर्णविराम (।) से पूर्व के खाली स्थान को हटाया। |
||
पंक्ति 11:
श्रीमती पट्टम्माल ने मुत्तुस्वामी दीक्षितर, पापनाशम शिवन एवं सुब्रह्मण्य भारती के अनेक रचनाओं को प्रचलित किया। विशेष्तः आपने मुत्तुस्वामि दिक्षितर की रचनाओं के वास्तविक पाठान्तर अम्बि दिक्षितर तथा जस्टिस टी. एल. वेंकटराम अय्यर से सीखा।
श्रीमती पट्टम्माल के विषेश गान-संबंधी गुण हैं आपका असामान्य लाक्षणिक ज्ञान, श्रुती/ताल के प्रति आपकी दृढता, तथा साहित्य (lyrics) का साफ उच्चारण। आपके अनुपम संगीत शैली की ओर अनेक विद्यार्थी आकर्षित हुए। इन्में अग्रगण्य हैं डी. के. जयरामन (आपके छोटे भाई, जिन्होंने खुद १९९० में संगीत कलानिधि प्राप्त किया)। आपके अन्य प्रसिद्ध विद्यार्थियों में शामिल हैं [[चारुमती रामचन्द्रन]], गीता राजशेखर, तथा आपकी पोती [[नित्यश्री महादेवन]]
{{१९७१ पद्म भूषण}}
|