"आर के लक्ष्मण": अवतरणों में अंतर

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'''द टाईम्स ऑफ़ इंडिया'''<ref>https://en.wikipedia.org/wiki/The_Times_of_India</ref> में लिखा था, के लिए प्रसिद्ध है।
 
== जन्म और बाल्यावस्था:==
 
आर के लक्ष्मण का जन्म '''मैसूर''' में हुआ था। उनके पिता एक स्कूल के संचालक थे और लक्ष्मण उनके छः पुत्रो में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई '''आर. के. नारायण<ref>https://en.wikipedia.org/wiki/R._K._Narayan</ref>''' एक प्रसिद्ध उपन्यासकार है और केरल के एम् जे विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर है।
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हाई स्कूल के बाद, लक्ष्मण आर्ट, ड्राइंग और पेंटिंग के बारे में उनकी आजीवन हितों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद कर मुंबई के जेजे स्कूल के लिए आवेदन किया, लेकिन कॉलेज के डीन ने उनको लिखा की उनके चित्रों में वह बात नहीं था जिससे वह उन्हें अपने कॉलेज में दाखिला दे सके और उनके आवेदन को अस्वीकार कर दिया। बाद में उन्होने '''मैसूर विश्वविद्यालय'''<ref>https://en.wikipedia.org/wiki/University_of_Mysore</ref> से '''बी ए''' उतीर्ण किया। इसी दौरान उन्होंने अपने स्वतंत्र कलात्मक गतिविधियों को भी जारी रखा और '''स्वराज्य''' पत्रिका एवं एक '''एनिमेटेड''' '''चित्र''' के लिए अपने कार्टूनो का योगदान दिया।
 
== व्यवसाय:==
 
लक्ष्मण पहले-पहले ''स्वराज्य'' और ''ब्लिट्ज'' जैसे पत्रिकाओ के लिए काम करते थे। जब वे मैसूर के '''महाराजा कॉलेज''' में पढ़ रहे थे, तब वे अपने बड़े भाई आर.के. नारायण के कहानियों का वर्णन ''"द हिन्दू"'' पत्रिका में करते थे और स्थानीय पत्रिका ''"स्वतन्त्रता"'' के लिए राजनेतिक कार्टूनो को भी छुड़ाया करते थे। लक्ष्मण कन्नड़ के हास्य पत्रिक '''"कोरावंजी"''' के लिए भी कार्टूनो को छुड़ाया करते थे। संयोग से, कोरावंजी को अलोपथ '''डा. एम्. शिवराम''' ने सन्न १९४२ में स्थापित किया था जो स्वयं, हास्य को प्रोत्साहित करते थे। उन्होंने तो इस मासिक पत्रिका को हास्य और व्यंग्य कार्टूनो के लिए ही समर्पित किया था। डा. शिवराम स्वयं कन्नड़ के एक पख्यात टीटोलीय थे और उन्होंने लक्ष्मण को बहुत प्रोत्साहित किया। लक्ष्मण मद्रास के जेमिनी स्टूडियोज में गर्मियों के छुट्टी में काम करते थे। उनकी पहली पूर्वकालिक नौकरी एक राजनीतिक कार्टूनिस्ट के रूप में ''"द फ्री प्रेस जॉर्नल", मुम्बई'' में था। '''श्री बाल ठाकरे'''<ref>https://en.wikipedia.org/wiki/Bal_Thackeray</ref> उनके सहयोगी थे। बाद में लक्ष्मण को '''"द टाइम्स ऑफ़ इंडिया"''' पत्रिका में नौकरी मिली और उन्होंने वहाँ ''पचास वर्षों'' से भी अधिक काम किया।
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'''सिम्बायोसिस अंतराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में आर. के. लक्ष्मण के नाम पर एक कुर्सी भी है।'''
 
== निजी ज़िन्दगी:==
 
आर. के. लक्ष्मण का पहला विवाह भरतनाट्यम नर्तकी और सिनेमा अभिनेत्री ''कमला लक्ष्मण'' से हुआ था (विवाह से पहले उन्हें बेबी कमला और कुमारी कमला के नमो से जाना जाता था)। उनसे तलाक के बाद, आर. के. लक्ष्मण ने फिर विवाह किया और उनके दूसरे पत्नी (जो एक लेखिका है) का नाम भी ''कमला'' था। फिल्मफेयर, एक सिनेमा पत्रिका के कार्टून सीरीज "''द स्टार ऐ हाव नेवर मेट"'' में उन्होंने कमला लक्ष्मण की एक कार्टून बनाकर उसको यह शीर्षक दिया ''"द स्टार ओनली ऐ हाव मेट"''।
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सितम्बर २००३ में, लक्ष्मण ने एक स्ट्रोक के प्रभाव के कारण अपनी बाई ओर से रुक छोड़ दिया। वे इस आघात से कुछ दूर तक उबर पाये है। '''२०१२ अक्टूबर में, लक्ष्मण ने अपनी ९१व जन्मदिन को पुणे में मनाया।''' अप्ने निवास मे एक निजि सभा के दोरान,लक्ष्मण ने केक को काटा और उनके एक आराधक राजवर्धन पाटिल ने उन्हे ''"द ब्रेनी क्रो"'' नामक एक व्रित्छित्र को प्रस्तुत किया, जो इन्की सब्से पसन्दीदा पक्षी के जीवन और अस्तित्व के बारे मे था। शिव सेना प्रमुख श्री बाल ठाकरे, जो अतीत मे कार्टूनिस्ट के रूप मे लक्ष्मण के सहयोगी थे, ने उन्हे जन्मदिन की शुभकामनाये भेजे। इस दिन मे वैग्यानिक '''श्री जयन्त नार्लिकर'''<ref>https://en.wikipedia.org/wiki/Jayant_Narlikar</ref>और सिम्बायोसिस विश्वविध्यालय के चान्सेल्लर श्री एस. बी. मजुम्दार ने भी उन्हे शुभकाम्नाये भेजे।
 
== सम्मान एवं पुरस्कार:==
* बी डी गोयनका पुरस्कार - ''[[दि इन्डियन एक्सप्रेस]]'' द्वारा।
* दुर्गा रतन स्वर्ण पदक - ''[[हिन्दुस्तान टाइम्स]]'' द्वारा।
पंक्ति 44:
* [[रैमन मैग्सेसे पुरस्कार]] (१९८४)
 
== किताबें:==
* ''दि एलोक्वोयेन्ट ब्रश''
* ''द बेस्ट आफ लक्षमण सीरीज''
पंक्ति 52:
* ''द टनल आफ टाईम'' ([[आत्मकथा]])
 
== मल्टी-मीडिया:==
* इंडिया थ्रू थे आईज ऑफ़ आर. के. लक्ष्मण-देन टू नाउ(सीडी रोम)
* लक्ष्मण रेखास-टाइम्स ऑफ़ इंडिया प्रकाशन
* आर. के. लक्ष्मण की दुनिया- सब टीवी पर एक शो
 
== सन्दर्भ:==
{{टिप्पणीसूची}}
{{रेमन मैगसेसे पुरस्कार विजेता भारतीय}}