"अंतरजाल पर विपणन": अवतरणों में अंतर

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ऑनलाइन विज्ञापन जिसे की इन्टरनेट विज्ञापन भी कहा जाता है, इन्टरनेट के माध्यम से विज्ञापनों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाती है। इसके अंतर्गत ई मेल मार्केटिंग, सर्च इंजन मार्केटिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग, विभिन्न प्रकार के दृश्य मीडिया विज्ञापन (वेब बैनर विज्ञापन भी शामिल) तथा मोबाइल विज्ञापन आदि आते हैं। विज्ञापन का यह साधन बहुत ही सशक्त है जिसका उपयोग सही योजना बनाकर किये जाने पर इसके परिणाम बहुत ही सकारात्मक आते हैं। इसके क्षेत्र तथा लक्ष्य लोगों के निर्धारण व उचित स्थान के लिए चुनाव में इन्टरनेट मार्केटिंग विशेषज्ञों की सहायता ली जाती है।<ref name="आई ए बी"><{{cite web|url=http://www.iab.net/media/file/IAB_Internet_Advertising_Revenue_Report_FY_2012_rev.pdf |title=आई ए बी इन्टरनेट एडवरटाईजिंग रेवेनु रिपोर्ट: 2012 फुल इयर रिजल्ट्स |publisher=आई ए बी|date= १२ जून २०१३}}</ref>
ऑनलाइन विज्ञापन व्यापार का बहुत ही बड़ा क्षेत्र है तथा यह इंडस्ट्री बहुत ही तेजी से बढ़ रही है। २०११ के आंकड़ों की माने तो इन्टरनेट विज्ञापन नें यूनाइटेड स्टेट्स में होने वाले टी.वी. विज्ञापनों को कहीं पीछे छोड़ दिया।<ref>{{cite web|first=गोंजालेस|last=,नीरो (९ मार्च २०१३)|, url=http://www.destructoid.com/half-of-destructoid-s-readers-block-our-ads-now-what--247904.phtml |title=हाफ ऑफ़ डिसट्रक्टनोइड्स रीडर्स ब्लाक आवर एड्स . नाउ व्हाट ? |publisher=डिसट्रक्टनोइड्स|date= उल्लिखित १४ जून २०१३}}</ref>
== इतिहास ==
हालाँकि शुरुआती दिनों में इन्टरनेट पर विज्ञापन की अनुमति नहीं थी उदहारण के लिए अरपानेट एवं एन-ऍफ़-एस नेट, ऐसे पश्चात नेट सेवा प्रदाताओं की इस सन्दर्भ में स्वीकरणीय नीतियां थीं जिन्होनें व्यापारिक प्रयोजनों से इन्टरनेट के प्रयोग पर लगाम लगा दी। ई मेल, जो की ऑनलाइन विज्ञापन के लिए पहला सर्वमान्य साधन था, बाद में धीरे - धीरे बहुत अधिक प्रयोग में आने लगा तथा फिर इस प्रकार के ई मेल्स को स्पैम नाम दे दिया गया।
स्पैम मेसेज का पहली बार बहुत बड़े स्तर पर प्रेषण १९९४ में एंड्रूज विश्व विद्यालय के सिस्टम एडमिन के द्वारा किया गया था, उसने सभी यूज़नेट समाचार ग्रुप्स पर इसे पोस्ट किया था।<ref name="आई ए बी"></ref><ref>{{cite web|first=टेम्पलटन|last=,ब्रैड(२००८)|url=http://www.templetons.com/brad/spam/spam25.html|title=रिफ्लेकशन्स ओन दी २५थ एनिवर्सरी ऑफ़ स्पैम|publisher=टेम्पलटन|date= उल्लिखित १४ जून २०१३}}</ref><ref>{{cite web|url=http://www.livinginternet.com/i/ii_nsfnet.htm|title=एन-ऍफ़-एस नेट|publisher=लिविंग इन्टरनेट.२०११|date= उल्लिखित २५ जून २०१३}}</ref>
== प्रेषण माध्यम ==
इन्टरनेट पर विज्ञापनों के लिए निम्न साधनों का प्रयोग किया जाता है-
* दृश्य विज्ञापन
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* पूरक मार्केटिंग
 
== भुगतान माध्यम ==
विज्ञापनकर्ता तथा पब्लिशर्स विज्ञापन करने के बदले किये जाने वाले भुगतान को मापने के लिए कई प्रकार की तकनीकों का प्रयोग करते हैं जो कि निम्नवत हैं-
* भुगतान प्रति माइल
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अन्य भुगतान के माध्यमों में फिक्स खर्चे के विज्ञापन आदि आते हैं। इन सभी के द्वारा विज्ञापनकर्ता विज्ञापन के इच्छुक व्यक्ति या संस्था से विज्ञापन के बदले में भुगतान लेते हैं।<ref name="आई ए बी"></ref>
 
==ऑनलाइन विज्ञापन के लाभ ==
ऑनलाइन विज्ञान के कई लाभ होते हैं। इन विज्ञापनों से जहाँ लागत में कमी आती है वहीँ पर इनकी पहुँच को बड़ी ही आसानी से नापा जा सकता है। इनको उपभोक्ताओं की रूचि के अनुरूप ढालना एवं परिवर्तित करना अपेक्षाकृत रूप से अधिक आसान रहता है वहीँ पर लक्ष्य उपभोक्ताओं का निर्धारण करने में भी खासी मशक्कत नहीं करनी पड़ती है। ऑफलाइन विज्ञापनों की तुलना में इनकी गति तथा कवरेज भी बहुत ही त्वरित होती है।<ref>{{cite web||first=हु, यू ;|last=शिन, (सितम्बर २०१२)|url=http://faculty.som.yale.edu/JiwoongShin/Downloads/workingpapers/PerformanceBasedPricingModels.pdf|title=परफॉरमेंस बेस्ड प्राइसिंग मॉडल्स इन ऑनलाइन: कास्ट पर क्लीक वर्सेस कास्ट पैर एक्शन|publisher=लिविंग इन्टरनेट.२०११|date= उल्लिखित जून २०१३}}</ref><ref>{{cite web|url=http://supramind.com/internet-marketing-services-india/|title=इंटरनेट मार्केटिंग सर्विसेज|publisher=सुपरमिंड डॉट कॉम
}}</ref>
== नियम कायदे ==
सामान्य तौर से ग्राहक सुरक्षा नियम ऑफलाइन विज्ञापनों की तरह ऑनलाइन विज्ञापनों पर भी लागू होते हैं। अलग अलग देशों नें इनके लिए अलग अलग व्यावहारिक नियमावलियां निकाली हैं।<ref name="आई ए बी"></ref>
== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची}}
[[श्रेणी: अंतर्जाल]]