"उत्थापक": अवतरणों में अंतर

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'''उत्थापक''', '''उच्चालित्र''' अथवा एलिवेटर (lift या elevator) एक युक्ति है वस्तुओं एवं व्यक्तिओं को उर्ध्व दिशा में चढ़ाने-उतारने के काम आती है। प्रायः किसी बहुमंजिला ऊँचे भवन, जलपोत एवं अन्य संरचनाओं में उत्थापक लगा होता है जो गोलों को या सामान आदि को एक मंजिल से दूसरी मंजिल या एक स्तर से दूसरे स्तर पर लाता और ले जाता है। उत्थापक प्रायः [[विद्युत मोटर]] द्वारा चलते हैं।
 
== धान्य के उच्चालित्र ==
अनाज के उठाने और रखने की यांत्रिक रीतियों में से एक, जो अब भी सर्वाधिक प्रयोग में आती है, डोलवाले उच्चालित्र की है। इसमें मोटे गाढ़े या कैनवस के पट्टे पर १० से १८ इंच की दूरी पर धातु के छोटे-छोटे डोल बँधे रहते हैं। पट्टा ऊर्ध्वाधर अथवा प्राय: उर्ध्वाधर रहता है। ऊपरी तथा निचले सिरों पर एक-एक बड़ी घिरनी या पहिया रहता है, जिसपर पूर्वोक्त पट्टा चढ़ा रहता है। पट्टा और घिरनी के बीच पर्याप्त घर्षण के लिए पट्टे पर रबर चढ़ा रहता है। उच्चालित्र के नीचेवाले भाग में बने एक गढ़े में से चलते हुए पट्टे के डोल अनाज उठा लेते हैं और उसे ऊपरी सिरे पर जाकर गिरा देते हैं। जैसे ही अनाज उच्चालित्र के ऊपरी सिरे पर पहुँचता है, अपकेंद्र बदल उसे एक बृहत्काय कीप में फेंक देता है। यहाँ से पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण उसे बड़े व्यास के नलों तथा ढालू नदियों द्वारा संग्रह के उपयुक्त खत्तों या भांडों में पहुँचा देता है।
 
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अनाज के उठाने रखने की मशीनों से काम लेते समय अनाज की धूलि से विस्फोट होने की आशंका पर ध्यान रखना आवश्यक है।
 
== माल तथा यात्रियों के उच्चालित्र ==
[[चित्र:TreuilAsc1.JPG|right|thumb|300px|मोटर, पुली, केबुल, गीयर, ब्रेक आदि]]
[[चित्र:Mcs220-ovf10.jpg|right|thumb|300px|एक आधुनिक उत्थापक नियंत्रक]]
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यात्रियों के लिए बने उच्चालित्रों की रचना भी बोझ ढोनेवाले उच्चालित्रों की ही तरह होती है। केवल इनमें सुरक्षा की कुछ अधिक युक्तियाँ रहती हैं तथा इनके रूप और यात्रियों की सुख सुविधा पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
 
== सन्दर्भ ग्रन्थ ==
* डी.ओ. हेंज़ : मैटीरियल हैंडलिंग इक्विपमेंट, (चिट्टन कंपनी, फ्ऱलाडेल्फ़िया);
* इम्मर : मैटीरियल हैंडलिंग (मैक्ग्रा हिल बुक कंपनी इंकारपोरेटेड)।