"सुरेंद्रनाथ बैनर्जी": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो Bot: Migrating 8 interwiki links, now provided by Wikidata on d:q3349315 (translate me) |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट से अल्पविराम (,) की स्थिति ठीक की। |
||
पंक्ति 15:
भारतीय राजनीति में उदारवादी भारतीय नेताओं की लोकप्रियता में गिरावट से बैनर्जी की भूमिका प्रभावित होने लगी. बैनर्जी ने मॉर्ले-मिन्टो सुधार 1909 का समर्थन किया - जिससे उन्हें भारतीय जनता और अधिकांश राष्ट्रवादी राजनेताओं द्वारा अपर्याप्त और व्यर्थ के रूप में उपहास और नाराजगी का सामना करना पड़ा. बैनर्जी ने उभरते हुए लोकप्रिय राष्ट्रवादी भारतीय नेता मोहनदास गांधी द्वारा प्रस्तावित सविनय अवज्ञा की विधि की आलोचना की. बंगाल सरकार में मंत्री का विभाग स्वीकारने के बाद उन्हें अधिकांश जनता और राष्ट्रवादियों के क्रोध को झेलना पड़ा और वह [[महर्षी डॉ. धोंडो केशव कर्वे|विधान चंद्र रॉय]] स्वराज्य पार्टी के उम्मीदवार के विरूद्ध बंगाल विधान सभा का चुनाव हार गए - सभी व्यावहारिक प्रयोजनों के लिए उनकी राजनीतिक जीवन की समाप्ति हुई. साम्राज्य को राजनीतिक समर्थन देने के लिए उन्हें नाइट की उपाधि दी गई. बंगाल सरकार में मंत्री के रूप में सेवारत के दौरान, बैनर्जी ने कलकत्ता नगर निगम को और अधिक लोकतांत्रिक बना दिया.
1925 में बैनर्जी की मृत्यु हो गई. आज व्यापक रूप से सम्मानित भारतीय राजनीति के एक अग्रणी नेता के रूप में - सशक्तीकरण के पथ पर चलने वाले पहले भारतीय राजनीतिक के रूप में उन्हें याद किया जाता है. उनके महत्वपूर्ण प्रकाशित काम ''एक राष्ट्र का निर्माण''
ब्रिटिश ने उनका बहुत सम्मान किया और बाद के वर्षों के दौरान उन्हें "सरेन्डर नॉट" बैनर्जी कहा.
|