"हकीकत राय": अवतरणों में अंतर

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== परिचय ==
हकीकत राय नाम का बालक था धर्म परायण और वीर । मुगल का राज़ था । एक मदरसे मे पढता था वह वीर बालक , एक दिन साथ के कुछ मुस्लिम बच्चे उसे चिडाने के लिए हिंदू देवी देवताओ को गाली देने लगे उस सहनशील बालक ने कहा अगर यह सब मैं बीबी फातिमा के लिए कहू तो तुम्हे कैसा लगेगा। इतना सुन कर हल्ला मच गया की हकीकत ने गाली दी , बात बड़ी काजी तक पहुची फ़ैसला सुनाया गया इस्लाम स्वीकार कर लो या मरो । उस बालक ने कहा मैंने गलत नही कहा मैं इस्लाम नही स्वीकार करूँगा ।
 
[[वसंत पंचमी]] के दिन ही उस वीर हकीक़त राय को कत्ल कर दिया गया । वह शहीद हो गया। उसने बलिदान कर दिया लेकिन धर्म से डिगा नही ।