"गोपीनाथ कविराज": अवतरणों में अंतर

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'''महामहोपाध्याय श्री गोपीनाथ कविराज''' (७ सितम्बर 1887-१२ जून 1976) संस्कृत के विद्वान और महान दार्शनिक थे। यह [[बंगाल|बंगाली]] थे, और इनके पिताजी का नाम वैकुण्ठनाथ बागची था। आप का जन्म ब्रिटिश भारत के ग्राम धमरई ज़िला ढांका (अब बांग्लादेश) मे हुआ था | उनका जन्म प्रतिष्ठित बागची घराने मे हुआ था और "कविराज" उनको सम्मान मे कहा जाता था |
 
महामहोपाध्याय पं. गोपीनाथ कविराज वर्तमान युग के विश्वविख्यात भारतीय प्राच्यविद् तथा मनीषी रहे हैं। इनकी ज्ञान-साधना का क्रम वर्तमान शताब्दी के प्रथम दशक से आरम्भ हुआ और प्रयाण-काल तक वह अबाधरूप से चलता रहा। इस दीर्घकाल में उन्होंने पौरस्त्य तथा पाश्चात्य ज्ञान-विज्ञान की विशिष्ट चिन्तन पद्धतियों का गहन अनुशीलन कर, दर्शन और इतिहास के क्षेत्र में जो अंशदान किया है उससे मानव-संस्कृति तथा साधना की अंतर्धाराओं पर नवीन प्रकाश पड़ा है, नयी दृष्टि मिली है।