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'''कल्हण''' [[कश्मीर|कश्मीरी]] इतिहासकार तथा विश्वविख्यात ग्रंथ [[राजतरंगिणी|राजतरङ्गिनी]] (1148-50 ई.) के रचयिता थे।
 
== परिचय ==
कल्हण (1150 ई.) [[कश्मीर]] के महाराज हर्षदेव (1068-1101) के महामात्य चंपक के पुत्र और संगीतमर्मज्ञ कनक के अग्रज थे। [[मंख]] ने [[श्रीकंठचरित]] (1128-44) (स.25, श्लो. 78-20) में कल्याण नाम के इसी कवि की प्रौढ़ता को सराहा है और इसे महामंत्री अलकदत्त के प्रश्रय में "बहुकथाकेलिपरिश्रमनिरंकुश' घोषित किया है।
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/कल्हण" से प्राप्त