"पदार्थ विज्ञान": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो Bot: Migrating 42 interwiki links, now provided by Wikidata on d:q228736 (translate me) |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो अल्प चिह्न सुधार |
||
पंक्ति 11:
पदार्थ विज्ञान में अव्यवस्थित ढग से नये पदार्थों को खोजने और उपयोग करने के बजाय पदार्थ को मौलिक रुप से समझने का प्रयास किया जाता है।
पदार्थ विज्ञान के सभी प्रभागों का मूलसिद्धान्त किसी पदार्थ के इच्छित गुणों को उसकी अवस्थाओं और आणविक संरचना में चरित्रगत अंतर्संबन्ध स्थापित करना होता है। किसी भी पदार्थ की संरचना (अतएव उसके गुण) उसके रासायनिक घटकों पर और प्रसंस्करण की विधि पर निर्भर करती है। रासायनिक सघटन, प्रसंस्करण और उष्मागतिकी के सिद्धान्त पदार्थ की सूक्ष्मसरचना निर्धारित करते हैं। पदार्थ के गुण और उनकी सूक्ष्मसरचना में सीधा सबन्ध होता है।
पदार्थ विज्ञान में एक उक्ति प्रचलित है,"पदार्थ लोगों की तरह होते हैं, उनकी कमियाँ ही उन्हें मज़ेदार बनाती हैं।" किसी भी पदार्थ के दोषरहित क्रिस्टल का निर्माण असंभव है। लिहाज़ा पदार्थविज्ञानी क्रिस्टल दोषों (रिक्ती, प्रक्षेप, विस्थापक अणु इत्यादि
== बाहरी कड़ियाँ ==
|