"पाउली अपवर्जन नियम": अवतरणों में अंतर
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'''पाउली का अपवर्जन का नियम''' (Pauli exclusion principle) [[क्वाण्टम यांत्रिकी]] का एक सिद्धान्त है जिसे सन् १९२५ में [[वुल्फगांग पौली|वुल्फगांग पाउली]] ने प्रतिपादित किया था। (अपवर्जन का अर्थ होता है - छोड़ना, अलग नियम लागू होना, आदि।
इस सिद्धान्त के अनुसार-
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: "कोई भी दो समान [[फर्मिऑन]] (fermions), एक ही समय में, एक समान प्रमात्रा स्थिति (quantum state) में '''नहीं''' रह सकते। "
: (
किसी एक ही [[परमाणु]] में स्थित [[इलेक्ट्रॉन|इलेक्ट्रॉनों]] के लिये यह नियम कहता है कि "किन्ही भी दो इलेक्ट्रॉनों की चारों (यानी सभी) प्रमात्रा संख्याएं एक समान नहीं हो सकतीं।
इस सिद्धान्त के अनुसार समान अवस्था वाले अथवा समान गुणधर्म वाले दो कण (
जो कण इस सिध्दांत का पालन करते है, [[फर्मिऑन]] कहलाते है, जैसे: [[इलेक्ट्रॉन]], [[प्राणु]], [[न्यूट्रॉन]] इत्यादि ; एवं जो कण इस सिध्दांत का पालन नहीं करते है, [[बोसॉन]] कहलाते है, जैसे: [[फोटॉन]],[[ग्लुऑन]], [[गेज बोसान]]।
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