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'''बचना ऐ हसीनों''' ( {{lang-en|Beware, ye beauties}}, {{lang-hi|बचना ऐ हसीनो}}, 15 अगस्त, 2008 को जारी एक [[बॉलीवुड]] फ़िल्म है. इसके कलाकार हैं [[रणबीर कपूर]], [[बिपाशा बसु]], [[मिनीषा लांबा]] और [[दीपिका पादुकोण]]. इस फ़िल्म को निर्देशित किया था [[सिद्धार्थ आनंद]] ने, जिनकी पिछली फ़िल्मों में शामिल हैं ''[[सलाम नमस्ते]]'' (2005) और ''[[ता रा रम पम]]'' (2007).
 
== कथावस्तु ==
फ़िल्म, राज शर्मा ([[रणबीर कपूर]]) नामक एक युवा की ज़िंदगी के सफ़र का अनुसरण करती है, जो 18 से 30 साल के बीच अपने जीवन के अलग चरणों पर तीन लड़कियों से मिलता है: माही ([[मिनिषा लांबा]]) - पंजाब के एक छोटे शहर की लड़की, राधिका ([[बिपाशा बसु]] ) - मुंबई की एक मॉडल और गायत्री ([[दीपिका पादुकोण]]) - ऑस्ट्रेलिया में एक अनिवासी भारतीय टैक्सी ड्राइवर और छात्रा. फ़िल्म एक ऐसे व्यक्ति की यात्रा से जुड़ी है जो एक प्रेम प्रसंग से दूसरे में उलझता जाता है, और अंततः सच्चा प्यार पाता है.
 
1996 में राज अपनी [[यूरोप]] की यात्रा के दौरान यूरोरेल में माही से जा टकराता है. माही एक सपनों में डूबी युवा लड़की है जो रोमांस, सच्चे प्यार में विश्वास रखती है, और उसे पूरा यक़ीन है कि एक दिन वह अपने "राज" (1995 में जारी फ़िल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे का रोमांटिक किरदार) से ज़रूर मिलेगी, जो उसका दिल जीत लेगा. यात्रा के दौरान स्विट्ज़रलैंड में एक स्टेशन पर उतरने के बाद माही की ट्रेन छूट जाती है. उसी ट्रेन में सफ़र करने वाला राज यह देखता है और उसे लुभाने के लिए ट्रेन से उतर जाता है. जहां माही बिना पैसों के असहाय खड़ी होती है, राज खुद की भी ट्रेन छूट जाने का ढोंग करता है, उसको सांत्वना देता है और उसकी वापसी उड़ान से पहले, समय पर हवाई अड्डे पहुंचाने के लिए मदद की पेशकश करता है. रास्ते में, माही को राज से प्यार हो जाता है. राज द्वारा माही के प्रति अपनी भावनाओं को लेकर लिखी कविता उसे सुनाने के बाद वे एक दूसरे का चुंबन लेते हैं. राज माही को हवाई अड्डे पहुंचाता है, जहां वह अपने परिवार और दोस्तों से मिलती है. माही उन दोनों के बीच जो कुछ भी घटित होता है, उसके बारे में अपने दोस्तों को बताती है. जब वह उस काग़ज़ के टुकड़े को खोलती है, जिस पर राज ने कविता लिखी थी, तो उसे ख़ाली पाती है. वह राज की तलाश में निकलती है और उसे अपने दोस्तों के सामने उन दोनों को लेकर "अनाप शनाप" शेखी बघारते हुए छिप कर सुनती है, तथा उसकी झूठी बातें सुन कर चौंक जाती है और उसका दिल टूट जाता है. राज उसे देख लेता है, और समझ जाता है कि माही ने उसकी बातें छिप कर सुन ली है और शर्मिंदा होकर, रोती और शोकाकुल माही को पीछे छोड़ कर चला जाता है.