"खारवेल": अवतरणों में अंतर
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इसके समय के संबंध में मतभेद है। उसकी प्रशस्ति शिलालेख में जो संकेत उपलब्ध हैं उनके आधार पर कुछ विद्वान् उसका समय ईसा पूर्व दूसरी शती में मानते हैं और कुछ उसे ईसा पूर्व की प्रथम शती में रखते हैं। किंतु खारवेल को ईसा पूर्व पहली शताब्दी के उत्तरार्ध में रखनेवाले विद्वानों की संख्या बढ़ रहीं है।
== परिचय ==
[[मौर्य साम्राज्य]] की अवनति के पश्चात् कलिंग में [[चेदि राजवंश]] का उदय हुआ। अनुमान किया जाता है कि चेदि वंश [[बुंदेलखंड]] के चेदि वंश की ही कोई उपशाखा थी जो कलिंग में स्थापित हो गई थी। खारवेल इस वंश का तीसरा नरेश था और इसे 'कलिंग चक्रवर्ती' कहा जाता है। उदयगिरि में हाथीगुफा के ऊपर एक अभिलेख है जिसमें इसकी प्रशस्ति अंकित है। उस प्रशस्ति के अनुसार यह [[जैन धर्म]] का अनुयायी था।
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