"खुशवन्त सिंह": अवतरणों में अंतर

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खुशवन्त सिंह जितने भारत में लोकप्रिय थे उतने ही [[पाकिस्तान]] में भी लोकप्रिय थे। उनकी किताब [[ट्रेन टू पाकिस्तान]] बेहद लोकप्रिय हुई। इस पर फिल्म भी बन चुकी है। उन्हें [[पद्म भूषण]] और [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन एक जिन्दादिल इंसान की तरह पूरी कर्मठता के साथ जिया किन्तु उसका शतक लगाने से चूक गये।
 
== व्यक्तिगत जीवन ==
खुशवन्त सिंह का जन्म 2 फ़रवरी, 1915 को हदाली, [[पंजाब]] (अविभाजित भारत) में हुआ था। उन्होंने गवर्नमेण्ट कॉलेज, [[लाहौर]] और कैम्ब्रिज यूनीवर्सिटी [[लंदन|लन्दन]] में शिक्षा प्राप्त करने के बाद लन्दन से ही क़ानून की डिग्री ली। उसके बाद उन्होंने लाहौर में वकालत शुरू की। उनके पिता सर सोभा सिंह अपने समय के प्रसिद्ध ठेकेदार थे। उस समय सोभा सिंह को आधी दिल्ली का मालिक कहा जाता था।
 
खुशवन्त सिंह का विवाह कँवल मलिक के साथ हुआ था। इनके पुत्र का नाम राहुल सिंह और पुत्री का नाम माला है। उनका निधन 99 साल की उम्र में 20 मार्च 2014 को नई दिल्ली में हुआ।<ref>{{cite news|url=http://aajtak.intoday.in/story/noted-writer-and-journalist-khushwant-singh-dies-at-99-1-758346.html |title=औरत, स्कॉच और इतिहास पर लिखने वाला सबसे मजेदार सरदार खुशवंत सिंह हुआ 99 पर आउट |publisher=आज तक |date=20 मार्च 2014 |accessdate=20 मार्च 2014}}</ref><ref>{{cite web|title=ख़ुशवंत सिंह का 99 साल की उम्र में निधन|url=http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2014/03/140320_khushwant_singh_ia.shtml|date=२० मार्च २०१४|accessdate=२० मार्च २०१४|publisher=बीबीसी हिन्दी}}</ref>
 
== कैरियर ==
एक पत्रकार के रूप में भी खुशवन्त सिंह ने बहुत ख्याति अर्जित की। 1951 में वे आकाशवाणी से जुड़े थे और 1951 से 1953 तक भारत सरकार के पत्र 'योजना' का संपादन किया। 1980 तक मुंबई से प्रकाशित प्रसिद्ध अंग्रेज़ी साप्ताहिक 'इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ़ इंडिया' और 'न्यू डेल्ही' के संपादक रहे।
 
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खुशवन्त सिंह ने कई अमूल्य रचनाएं अपने पाठकों को प्रदान की हैं। उनके अनेक उपन्यासों में प्रसिद्ध हैं - 'डेल्ही', 'ट्रेन टू पाकिस्तान', 'दि कंपनी ऑफ़ वूमन'। इसके अलावा उन्होंने लगभग 100 महत्वपूर्ण किताबें लिखी। अपने जीवन में सेक्स, मजहब और ऐसे ही विषयों पर की गई टिप्पणियों के कारण वे हमेशा आलोचना के केंद्र में बने रहे। उन्होंने इलेस्ट्रेटेड विकली जैसी पत्रिकाओं का संपादन भी किया।
 
== सम्मान ==
[[भारत सरकार]] द्वारा [[साहित्य एवं शिक्षा]] के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें 1974 में [[पद्म भूषण]] और 2007 में [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित किया गया।
 
== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची}}
 
== बाहरी कड़ियाँ==
* [http://raviwar.com/dailynews/d4421_kushwant-singh-no-more-20140320.shtml नहीं रहे खुशवन्त सिंह] - [[रविवार (पत्रिका)]] (हिन्दी)
* [http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2014/02/140202_khushwant_singh_interview_sp.shtml सिंह के ९९वें जन्मदिन पर विशेष] - [[बीबीसी हिन्दी]]