"भ्राजक पित्त": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Debbe~hiwiki (वार्ता | योगदान) New page: ===भ्राजक पित्त=== यह चमडे मे रहता है और कान्ति उत्पन्न करता है। त्वचा... |
No edit summary |
||
पंक्ति 2:
यह चमडे मे रहता है और कान्ति उत्पन्न करता है। त्वचा के समस्त रोग और व्याधियां इसी पित्त की विकृति से होती हैं। शरीर मे किये गये लेप, मालिश, औषधि स्नान आदि के पाचन कार्य यही पित्त करता है।
[[श्रेणी: आयुर्वेद]]
|