"बहुपद": अवतरणों में अंतर

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:-6x<sup>6</sup>y + 5px<sup>2</sup>yx<sup>2</sup> - a x . . . . . . . . . . . . (2)
 
व्यंजक (1) (x) का बहुपद है और (2) x, y z, का तथा उसमें (a) अचर (constant) है। यदि (x) के स्थान में सर्वत्र कोई अन्य व्यंजक मान लें, '''log x''' रख दिया जाए, तो नया व्यंजक '''log x''' का व्यंजक कहलाएगा। पदों के घातों में से महत्तम को बहुपद का घात (डिग्री) कहते हैं। यदि एक से अधिक चर राशियाँ हों, तो विभिन्न पदों में चर राशियों के घातों के योगफलों में से महत्तम को '''बहुपद का घात''' कहते हैं। इस प्रकार बहुपद (1) का घात 4 है और (2) का 7 ।7। ऐसा भी कहा जाता है कि बहुपद (2) (x) में छठे घात का और (y) में द्वितीय घात का है।
 
दो बहुपदों का योगफल, अंतर और गुणनफल बहुपद ही होता है, किंतु उनका भागफल बहुपद नहीं होता। दो बहुपदों के भागफल को, जिनमें एक संख्या मात्र भी हो सकता है, '''परिमेय फलन''' (rational function) कहते हैं। चर (x) में घात (m) का व्यापक बहुपद यह है :
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यदि f(x) = 0 का कोई मूल p1 है तो बहुपद f(x) में (x-p1) का भाग पूरा-पूरा चला जाता है और भागफल में घात m-1 वाला एक बहुपद f1(x) प्राप्त होता है। अब बहुपद समीकरण f1(x) = 0 के m-1 मूल होंगे और यदि इसका एक [[मूल]] (x-p2) है ( यह भी संभव है कि p2=p1 ), तो फिर f1(x) में (x-p2) का भाग पूरा चला जाएगा। यह एक महत्वपूर्ण प्रमेय है कि f(x) का गुणनखंडन अद्वितीय होता है।
 
यदि हम f(x) के गुणांकों और गुणनखंडों में प्रयुक्त संख्याओं पर यह प्रतिबंध लगा दें कि वे किसी अमुक क्षेत्र की होंगी, तो मूलों का अस्तित्व अवश्यंभावी नहीं रहता ।रहता। इतना अवश्य है कि यदि बहुपद का [[गुणनखंडन]] हो सकेगा, तो [[गुणनखंड]] अद्वितीय होंगे।
 
== विभिन्न शाखाओं में बहुपद का उपयोग ==
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:ज्या 4 x = 4 कोज्या x (ज्या x - 2 ज्या<sup>3</sup> x)
 
वैश्लेषिक ज्योमिति में वक्रों का अध्ययन उन्हें दो चरों के बहुपद समीकरण द्वारा निरूपित कर किया जाता है। इसी प्रकार तलों के अध्ययन के लिए तीन चरवाले बहुपद समीकरणों की सहायता ली जाती है ।है। स्वेच्छ घात के बहुपद समीकरणों से निरूपित वक्रों और तलों का अध्ययन बीजीय ज्यामिति में किया जाता है।
 
दो या अधिक चरों के ऐसे बहुपद को, जिसके प्रत्येक पद में चरों के घातों का योगफल समान हो, '''समघात बहुपद''', या केवल समघात, कहते हैं; आधुनिक बीजगणित में इन समघातों के रूपांतरण का और इन रूपातंरणों से संबंधित निश्चर (invariant) और सहपरिवर्त (covariant) के सिद्धातों का प्रमुख स्थान है और इनके अनेक उपयोग हैं।
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== विशिष्ट बहुपद ==
किसी फलन को व्यक्त करने के लिए य, य<sup>2</sup>, ....के अतिरिक्त अन्य बहुपद समुदाय भी हैं। उदाहरणत:, [[लजांड्र बहुपद]] (Legendre Polynomial) । इन बहुपदों का उपयोग [[अनुप्रयुक्त गणित]] में बहुलता से होता है। इसी प्रकार [[हर्माइट बहुपद|हर्माइट बहुपदों]] का [[सांख्यिकी]] में उपयोग होता है।
 
[[अंतर्वेशन]] (इंटरपोलेशन) समूचा ही बहुपद द्वारा [[सन्निकटन|सन्निकटीकरण]] (approximation) पर आधारित है। (m) दिए हुए मानों का उपयोग करनेवाले अंतर्वेशन सूत्र के आधार में इन मानों को ग्रहण करनेवाले m-1 घात के बहुपद की कल्पना निहित होती है।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/बहुपद" से प्राप्त