"बागेश्री राग": अवतरणों में अंतर
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इस राग में गंधार (ग) और निषाद (नि) कोमल है। इस राग में पंचम (प) वर्जित है। कुछ लोग आरोह में थोडा पंचम लगाते है।
== आरोह ==
଼଼଼नि॒. सा ग॒ म, ध नि॒
== अवरोह ==
सां नि॒ ध, म ग॒ रे
== वादी और संवादी ==
इस राग का वादी स्वर मध्यम (म) और संवादी स्वर षड्ज (सा) है।
== पकड़ ==
सा, ग॒ म, ध, म ग॒ म ग॒, रे
== संदर्भ ==
१. राग-बोध (प्रथम भाग). बा. र. देवधर.
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