"बिहारशरीफ": अवतरणों में अंतर

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'''बिहारशरीफ ''' [[बिहार]] के [[नालंदा जिला|नालंदा]] जिले का मुख्यालय है ।है।
 
== भूगोल ==
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== जलवायु ==
[[बिहार]] के अन्य भागों की तरह बिहारशरीफ में भी गर्मी का [[तापमान]] उच्च रहता है ।है। [[ग्रीष्म ऋतु]] में सीधा सूर्यातप तथा उष्ण तरंगों के कारण असह्य स्थिति हो जाती है। गर्म हवा से बनने वाली ''लू'' का असर शहर में भी मालूम पड़ता है। देश के शेष मैदानी भागों (यथा - [[दिल्ली]]) की अपेक्षा हलाँकि यह कम होता है।
 
ग्रीष्म ऋतु [[अप्रैल]] से आरंभ होकर [[जून]]- [[जुलाई]] के महीने में चरम पर होती है। [[तापमान]] 46 डिग्री तक पहुंच जाता है। जुलाई के मध्य में मॉनसून की झड़ियों से राहत पहुँचती है और [[वर्षा ऋतु]] का श्रीगणेश होता है। [[शीत ऋतु]] का आरंभ [[छठ]] पर्व के बाद यानी नवंबर से होता है। फरवरी में वसंत का आगमन होता है तथा [[होली]] के बाद मार्च में इसके अवसान के साथ ही ऋतु-चक्र पूरा हो जाता है।
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=== विवाह ===
अधिकतर शादियां माता-पिता के द्वारा ही निर्धारित-निर्देशानुसार होती है ।है। विवाद में संतान की इच्छा की मान्यता परिवार पर निर्भर करती है ।है। विवाह को पवित्र माना जाता है और तलाक की बात सोचना (मुस्लिम परिवारों में भी) एक सामाजिक अपराध समझा जाता है। शादियाँ उत्सव की तरह आयोजित होती है और इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भरमार रहती है। कुछेक पर्वों को छोड़ दिया जाय तो वास्तव में विवाह के अवसर पर ही लोक-कला की सर्वोत्तम झांकी दिखाई देती है। इस अवसर पर किए गए खर्च और भोजों की अधिकता कई परिवारों में विपन्नता का कारण बनता है। दहेज का चलन ज्यादातर [[हिंदू]] एवं [[मुस्लिम]] परिवारों में बना हुआ है।
 
=== पर्व-त्यौहार ===
हिंदू महिलाएँ तीज, जीतीया, छठ आदि बहुत ही धार्मिक उत्साह के साथ मनाती हैँ. <br />
[[दीवाली]], [[दुर्गापूजा]], [[होली]], [[बसंत पंचमी]], [[शिवरात्रि]], [[रामनवमी]], [[जन्माष्टमी]] हिंदुओं का महत्वपूर्ण लोकप्रियतम पर्वो में से है, जबकि मुसलमानो का महत्वपूर्ण त्यौहार [[मुहर्रम]], [[ईद]] और [[बकरीद]] है ।है।
छठ इस क्षेत्र के लिए सबसे पवित्र त्योहार है. इसका महत्व के रूप में यह धर्म के सभी बाधाओं को खारिज कर देता है देखा जा सकता है. इस उत्सव में खरना के उत्सव से लेकर अर्ध्यदान तक समाज की अनिवार्य उपस्थिति बनी रहती है। यह सामान्य और गरीब जनता के अपने दैनिक जीवन की मुश्किलों को भुलाकर सेवा भाव और भक्ति भाव से किए गए सामूहिक कर्म का विराट और भव्य प्रदर्शन है।
 
=== खान-पान ===
आबादी का मुख्य भोजन ''[[भात]]-[[दाल]]-[[रोटी]]-[[तरकारी]]-[[अचार]]'' है ।है। सरसों का तेल पारम्परिक रूप से खाना तैयार करने में प्रयुक्त होता है ।है। [[खिचड़ी]], जोकि [[चावल]] तथा दालों से साथ कुछ मसालों को मिलाकर पकाया जाता है, भी भोज्य व्यंजनों में काफी लोकप्रिय है ।है। खिचड़ी, प्रायः [[शनिवार]] को, [[दही]], [[पापड़]], [[घी]], [[अचार]] तथा [[चोखा]] के साथ-साथ परोसा जाता है ।है।
 
बिहारशरीफ को केन्द्रीय बिहार के मिष्ठान्नों तथा मीठे पकवानों के लिए भी जाना जाता है ।है। इनमें [[खाजा]], [[मावे का लड्डू]], [[मोतीचूर के लड्डू]], [[काला जामुन]], [[केसरिया पेड़ा]], [[परवल की मिठाई]], [[खोये की लाई]] और [[चना मर्की]] का नाम लिया जा सकता है ।है। इन पकवानो का मूल इनके सम्बन्धित शहर हैं जो कि बिहारशरीफ के निकट हैं, जैसे कि [[सिलाव]] का खाजा, [[बाढ]] का मावे का लाई, [[मनेर]] का [[लड्डू]], विक्रम का काला जामुन, [[गया]] का केसरिया पेड़ा, [[बख्तियारपुर]] का खोये की लाई पटना का चना मर्की, [[बिहिया]] की पूरी इत्यादि उल्लेखनीय है ।है। वैसे यहा की रबरी काफी मशहूर है।
इसके अतिरिक्त इन पकवानों का प्रचलन भी काफी है -
* '''[[पुआ]]''', - मैदा, दूध, घी, चीनी मधु इत्यादि से बनाया जाता है ।है।
* '''[[पिठ्ठा]]''' - चावल के चूर्ण को पिसे हुए चने के साथ या खोवे के साथ तैयार किया जाता है ।है।
* '''[[तिलकुट]]''' - जिसे बौद्ध ग्रंथों में पलाला नाम से वर्णित किया गया है, तिल तथा चीनी गुड़ बनाया जाता है ।है।
* '''[[चिवड़ा]] या [[चूड़ा]]''' - चावल को कूट कर या दबा कर पतले तथा चौड़ा कर बनाया जाता है ।है। इसे प्रायः दही या अन्य चाजो के साथ ही परोसा जाता है ।है।
* '''[[मखाना]]''' - (पानी में उगने वाली फली) इसकी खीर काफी पसन्द की जाती है ।है।
* '''[[सत्तू]]''' - भूने हुए चने को पीसने से तैयार किया गया सत्तू, दिनभर की थकान को सहने के लिए सुबह में कई लोगो द्वारा प्रयोग किया जाता है ।है। इसको रोटी के अन्दर भर कर भी प्रयोग किया जाता है जिसे स्थानीय लोग मकुनी रोटी कहते हैं ।हैं।
* '''[[लिट्टी चोखा]]''' - लिट्टी जो आंटे के अन्दर सत्तू तथा मसाले डालकर आग पर सेंकने से बनता है, को चोखे के साथ परोसा जाता है ।है। चोखा उबले आलू या बैंगन को गूंथने से तैयार होता है ।है।
 
आमिष व्यंजन भी लोकप्रिय हैं ।हैं। मछली काफी लोकप्रिय है, और मुग़ल व्यंजन भी बिहारशरीफ में देखे जा सकते हैं ।हैं।
 
== आवागमन ==
;वायु मार्ग
यहां का नजदीकी हवाई अड्डा पटना का [[जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डा]] है। जो यहां से ८० किलोमीटर दूर है।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा संचालित लोकनायक जयप्रकाश हवाईक्षेत्र, पटना (IATA कोड- PAT) अंतर्देशीय तथा सीमित अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए इंडियन, किंगफिशर, जेट एयरवेज,जेट लाईट, गो एयर तथा इंडिगो की उडानें दिल्ली, रांची, कोलकाता, मुम्बई, लखनऊ तथा कुछ अन्य नगरों के लिए नियमित रुप से उपलब्ध है ।है।