"बृहस्पति (ग्रह)": अवतरणों में अंतर

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== मेग्नेटोस्फेयर ==
[[चित्र:Currents in Jovian Magnetosphere.png|thumb|left|300px|बृहस्पति का मैग्नेटोस्फेयर, भीतर मौजूद चार गैलिलीयन उपग्रह.]]
बृहस्पति का व्यापक चुम्बकीय क्षेत्र या मेग्नेटोस्फेयर [[पृथ्वी]] से १४ गुना शक्तिशाली है | भूमध्यरेखा पर ४.२ गॉस ( ०.४२ मिली टेस्ला mT ) से लेकर ध्रुवों पर १०-१४ गॉस ( १.०-१.४ मिली टेस्ला mT ) तक का विचरण इसे सौरमंडल का सबसे शक्तिशाली [[चुम्बकीय क्षेत्र]] बनाता है ( सौर धब्बो को छोड़कर ) | ऐसा माना जा रहा है कि इसकी उत्पत्ति भंवर धाराओं से होती है जो धातु हाइड्रोजन कोर के भीतर [[सुचालक]] पदार्थों के घूमने से बनती है | आयो ( Io ) चन्द्रमा पर [[ज्वालामुखी]] बड़ी मात्रा में [[सल्फर डाइआक्साइड|सल्फरडाई आक्साइड]] गैस उत्सर्जित कर अपनी कक्षा के साथ-साथ गैस [[टॉरस]] बनाता है | यह [[गैस]] मेग्नेटोस्फेयर में आयनिकृत होकर [[सल्फर]] और [[ऑक्सीजन]] [[आयन]] उत्पादित करती है | यह दोनों परस्पर, बृहस्पति के वायुमंडल से उत्पन्न [[हाइड्रोजन]] आयनों से मिलकर बृहस्पति के विषुववृत्त तल में एक [[प्लाज्मा चादर]] बनाते है | इस चादर में प्लाज्मा ग्रह के साथ-साथ घूमने लगता है, और चुम्बकीय डिस्क की तुलना में चुंबकीय द्विध्रुवीय विरूपण का कारण बनता है ।है। प्लाज्मा चादर के भीतर इलेक्ट्रोन एक शक्तिशाली रेडियो तरंग उत्पन्न करते है जो ०.६ -०.३ मेगा हर्ट्ज़ परास का विस्फोट पैदा करता है [[File:Jupiter.Aurora.HST.UV.jpg|thumb|बृहस्पति पर [[ध्रुवीय ज्योति | औरोरा]], तीन चमकदार बिंदु बृहस्पति के चन्द्रमा हैं, आयो (बाईं ओर), गेनीमेड (तल पर) और यूरोपा (यह भी तल पर)I इसके अलावा, बेहद चमकदार करीब-करीब वृत्ताकार क्षेत्र मुख्य अंडाकार कहलाता है तथा धुंधला ध्रुवीय औरोरा देखा जा सकता हैI]]
 
 
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[[File:Conjunction of Jupiter and Moon.jpg|thumb|बृहस्पति और चंद्रमा का [[संयोजन (खगोल विज्ञान)|संयोजन]]]]
[[चित्र:Retrogadation1.png|thumb| इस बाहरी ग्रह की [[प्रतिगामी चाल|प्रतिगामी गति]] पृथ्वी के सन्दर्भ में उसकी सापेक्षिक स्थिति के कारण है.]]
बृहस्पति सामान्यतः आकाश में चौथा सबसे चमकदार निकाय है ( सूर्य, [[शुक्र]] ग्रह, और हमारे [[चन्द्रमा]] के बाद );<ref name="worldbook" /> किसी समय पर [[मंगल]] ग्रह बृहस्पति से उज्जवल दिखाई देता है | यह [[पृथ्वी]] के सन्दर्भ में बृहस्पति की स्थिति पर निर्भर करता है ।है। यह दृश्य परिमाण में भिन्न हो सकते हैं जैसे निम्न [[विमुखता ( ग्रह )|विमुखता]] पर -२.९ जैसी तेज चमक से लेकर सूर्य के साथ [[संयोजन (खगोल विज्ञान) | संयोजन ]] के दौरान -१.६ जैसा मंद | बृहस्पति का [[कोणीय व्यास]] भी इसी तरह ५०.१ से २९.८ आर्क सेकंडों तक बदलता है |<ref name="fact" /> अनुकूल विमुखता तब पाई जाती है जब बृहस्पति {{अपसौर}} से होकर गुजर रहा होता है | यह स्थिति प्रत्येक चक्कर में एक बार पाई जाती है | जैसे बृहस्पति मार्च २०११ में अपसौर के निकट पहुंचा, सितंबर २०१० में एक अनुकूल विमुखता थी |<ref name=jup2010>{{cite web
|author=Horizons output
|url=http://home.surewest.net/kheider/astro/jup2010.txt